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अब क्रिकेट में भी दिखाया जाएगा रेड कार्ड, इस तरह रन आउट नहीं होगा कोई खिलाड़ी

दुबई। आईसीसी ने क्रिकेट के नियमों में कुछ नए बदलाव किए हैं। ये नियम 28 सितंबर से होने वाले सभी इंटरनेशनल मैचों पर लागू हो जाएंगे। हालांकि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज पर इसका कोई असर नहीं होगा। ये सीरीज़ पुराने नियम के मुताबिक ही खेली जाएगी। ख़ास बात यह है कि अब फुटबॉल की तरह ही क्रिकेट में भी रेड कार्ड का इस्तेमाल किया जाएगा। जिस भी खिलाड़ी को अंपायर रेड कार्ड दिखाएगा उसे तुरंत मैदान छोड़कर पवेलियन जाना होगा।

आईसीसी ने कहा कि जो खिलाड़ी मैदान के भीतर अपने व्यवहार या फिर हरकतों को लेकर ‘बेकाबू’ होंगे, उन्हें रेड कार्ड दिखाते हुए सीधे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। यह सब ठीक वैसे ही होगा, जैसा फुटबाल में होता है। अंपायर को धमकाना, अंपायर के साथ गलत तरीके और जानबूझकर किए गए शारीरिक संपर्क, किसी खिलाड़ी या अन्य सदस्य के साथ हिंसक व्यवहार या किसी अन्य प्रकार का हिंसक व्यवहार करने पर खिलाड़ी को लेवल-4 का दोषी माना जाएगा और इसके लिए सिर्फ और सिर्फ एक ही सजा होगी और वह सजा मैदान के बाहर जाने की होगी।

खास बात यह है कि लेवल-4 के दोषी खिलाड़ी की मैदान के बाहर जाने के बाद वापसी नहीं होगी। इसके अलावा, लेवल 1-3 के बीच शामिल गलत व्यवहार पर आईसीसी की आचार संहिता वैसा ही रवैया अपनाएगी, जैसा वह अपनाती रही है। इन मामलों में आईसीसी मैच रेफरी और मैदानी अम्पायरों की राय लेकर सजा का ऐलान करेगी। आईसीसी ने रन आउट को लेकर भी नियम में अहम बदलाव की घोषणा की है। नए नियम के मुताबिक अगर बल्लेबाज रन आउट से बचने के लिए डाइव लगाता है और उसका बल्ला क्रीज में जाने के बाद हवा में उछल जाता है और मैदान से उसका संपर्क नहीं रहता है और ऐसी स्थिति में गेंद विकेटों पर लग जाती है तो बल्लेबाज आउट नहीं होगा। इससे पहले इस स्थिति में बल्लेबाज को रन आउट करार दे दिया जाता था।

यही नियम तब भी लागू होगा जब बल्लेबाज स्टम्पिंग से बचने की कोशिश करेगा। वहीं सीमा रेखा के पास कैच को लेकर भी आईसीसी ने एक नया नियम निकाला है। सीमा रेखा पर खड़े फील्डर को हवा में कैच करते समय गेंद से पहला संपर्क सीमा रेखा से पहले बनाना होगा। एक बार गेंद सीमा रेखा के पार हवा में भी चली गई और तब फील्डर ने गेंद से संपर्क किया तो यह बाउंड्री होगी।

इसके साथ ही अगर फील्डर या विकेटकीपर के हेलमेट से गेंद लगते हुए बल्लेबाज स्टम्प, कैच या रन आउट होता है तो यह आउट माना जाएगा। इन नए नियमों में बल्ले के आयामों तथा निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरस) में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जो सभी सीरीज में लागू किए जाएंगे। बल्ले की लंबाई और चौड़ाई में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया है, लेकिन बल्ले के ऐज (कोण) की मोटाई 40 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और इसकी गहराई अधिक से अधिक 67 मिलीमीटर तक होनी चाहिए। इसके तहत, अंपायरों को जल्द ही बल्ले के नाप के बारे में जानकारी दे दी जाएगी, ताकि वे बल्ले की वैधता जांच सकें।

डीआरएस में किए गए बदलावों के तहत टेस्ट मैचों में टॉपअब्प रिव्यू नहीं होंगे। टॉपअप रिव्यू में टीमों को 80 ओवरों के बाद दो और रिव्यू दिए जाते थे, जो अब नहीं दिए जाएंगे। इसका साफ मतलब यह है कि प्रत्येक पारी में केवल दो असफल रिव्यू होंगे। आईसीसी ने अपने एक बयान में कहा कि नए नियमों के तहत टी-20 मैचों में भी डीआरस का इस्तेमाल किया जा सकेगा। दक्षिण अफ्रीका-बांग्लादेश और पाकिस्तान-श्रीलंका के बीच खेली जाने वाली सीरीज इन नए नियमों के तहत खेली जाएगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH