कोलकाता, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के निष्कासित नेता और दार्जिलिंग बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के चेयरमैन बिनय तमांग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार उनकी कई मांगों पर पहले ही काम शुरू कर चुकी है और आज (सोमवार को) हो रही सर्वदलीय बैठक में गोरखालैंड मुद्दे पर त्रिपक्षीय वार्ता उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगी।
यहां राज्य सचिवालय में राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले तमांग ने कहा, हमारे द्वारा उत्तर कान्या (उत्तर बंगाल के सचिवालय) में उठाए गए 17 मुद्दों में से सरकार ने सात मुद्दों पर काम करना शुरू कर दिया है। हमारी जिन नौ मांगों को अभी भी देखा जाना जरूरी है, उनमें गोरखालैंड मुद्दा हमारा प्रमुख एजेंडा है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों के बोनस की मांग पर सहमति हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि हम यहां अपनी बाकी नौ मांगों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। इनके अलावा बैठक में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
दार्जिलिंग, कालिमपोंग और खरसियांग के विधायक भी इस बैठक में शामिल होंगे।
तमांग द्वारा हड़ताल का आह्वान वापस लेने के कारण गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुं ग से उनका मतभेद खुलकर सामने आ गया था। तमांग का दावा है कि उनके समर्थकों का दायरा बढ़ रहा है क्योंकि लोग समझ गए हैं कि हिंसक आंदोलन से कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है।
जीजेएम के तमांग धड़े के अलावा अन्य पहाड़ी पार्टी जेएनएलएफ, अखिल भारतीय गोरखा लीग भी इस बैठक में शामिल होंगी, वहीं जन आंदोलन पार्टी के प्रमुख हरका बहादुर छेत्री ने कहा कि उनकी पार्टी बैठक से दूर रहेगी।