NationalTop NewsUttar Pradeshमुख्य समाचारलखनऊ

आजम पर जांच की आंच, जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर सपा के पूर्व मंत्री के खिलाफ केस

रामपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां एक बार फिर परेशानी में दिख रहे हैं। सूबे में भाजपा की सरकार आने के बाद से सपा सरकार के कई मंत्रियों को लेकर सवाल उठाया जा चुका है। इतना ही नहीं कई विभागों में सपा की सरकार के दौरान जो भी घोटाला सामने आया है उसे लेकर योगी सरकार कड़े कदम उठाने के संकेत दे चुकी है।

पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां के खिलाफ एक और मामला सामने आया है। दरअसल उनके खिलाफ प्रदेश राजस्व परिषद में एक और वाद दायर किया गया है। ऐसा पहली बार नहीं है कि आजम खां विवादों में फंसे है। इससे पूर्व भी कई मामलों में आजम पर जांच की आंच देखी जा सकती है। बरहाल इस ताजे मामले में जमीन की अदला बदली कर जौहर यूनिवर्सिटी में लेने के आरोप में पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां के खिलाफ वाद में कहा गया कि मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट पूरी तरह से व्यायसायिक संस्था है।

दूसरी ओर आजम खां ने दावा किया है कि उनकी जौहर यूनिवर्सिटी एक सोसायटी के दायरे में चल रही है। आजम के अनुसार वह इसके आजीवन अध्यक्ष हैं जबकि अन्य सदस्य उनके परिवार के ही लोग है। सूबे में योगी सरकार बनते ही आजम की जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर विवाद शुरू हो गया था। माना जा रहा है मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में रेत नदी की भूमि है। 2012 में एसडीएम रमेश चंद्र्र शुक्ला के न्यायालय में आजम खां ने ट्रस्ट के अध्यक्ष की हैसियत से इस भूमि को लेने के लिए आवेदन किया था।

उनके अनुसार वह बदले में अपनी जमीन देने को कहा था। तमाम दलीलों को सुनने के बाद फैसला आजम के पक्ष में एसडीएम ने दिया। इतना ही कोर्ट ने भी एसडीएम के फैसले को सही बताया। सूबे में भाजपा सरकार बनते ही मामले में शिकायत हो गई है। खबरों के अनुसार यह भूमि कोसी नदी के डूब के क्षेत्र में है, इसके चलते उसका उपयोग सार्वजनिक हित में नहीं किया जा सकेगा। इस पूरे मामले में एसडीएम और मंडलायुक्त ने फैसला देने में अनियमितता दिखाई है। कुल मिलाकर आजम खां इस मामले पर अपनी लगातार सफाई पेश कर चुके हैं। अब देखना होगा कि योगी सरकार इस मामले अगला कदम क्या उठाती है।

=>
=>
loading...
Ragini Pandey
the authorRagini Pandey