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पुणे यूनिवर्सिटी का तुगलकी फरमान, सिर्फ शाकाहारी छात्रों को मिलेगा गोल्ड मेडल

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे की एक यूनिवर्सिटी ने बेहद विवादित फैसला लिया है। निर्णय के मुताबिक, सिर्फ शाकाहारी और नशा न करने वाले छात्रों को ही गोल्ड मेडल दिया जाएगा। इसका मतलब साफ है कि जो छात्र नॉनवेज खाते होंगे, वो गोल्ड मेडल के हकदार नहीं होंगे। देश में अपनी तरह का यह पहला फैसला है।

पुणे की सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) की ओर से हाल ही में सर्कुलर जारी कर साल 2016-17 के लिए गैर-विज्ञान संकाय वाले मेरिट पोस्ट ग्रेजुएट्स छात्रों से मेडल के लिए एप्लीकेशंस मांगी गई थीं। इस सर्कुलर के अनुसार अब विद्यार्थियों को शाकाहारी होने या न होने के आधार पर गोल्ड मेडल दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की ओर से गोल्ड मेडल पाने की शर्तों में शाकाहारी होना, भारतीय संस्कृति का समर्थक होना आदि शामिल है।

सर्कुलर के अनुसार 10 ऐसी शर्तें तय की गई हैं, जो महर्षि रामचंद्र शेलार मामा गोल्ड मेडल के लिए पात्रता तय करते हैं। इनमें शाकाहारी होने की शर्त भी शामिल है। बता दें कि यह मेडल योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलार और त्यागमूर्ति श्रीमति सरस्वती रामचंद्र शेलार के नाम पर योग गुरु ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है। साथ ही यह मेडल साइंस और नॉन साइंस के पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को दिया जाता है। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि उन्होंने यह शर्तें तय नहीं की है और ट्रस्ट के सामने इस मामले को उठाया जाएगा।

इन शर्तों में नशा न करना, योग, प्राणायाम करना आदि भी शामिल है। इस साल यह सर्कुलर 31 अक्टूबर को पुन: जारी किया गया। इसके साथ ही इस सर्कुलर में ये भी कंडीशन दी गई कि आवेदक छात्र को दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई में पहली श्रेणी या दूसरी श्रेणी के साथ पास होना चाहिए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH