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फिल्म ‘प्वाइंट ऑफ व्यू’ को रिलीज से पहले अवार्ड मिलना अच्छा संकेत: देवानंद

फिल्म बनाना कोई सरल काम नहीं, इस काम के लिए एक टीम वर्क की जरूरत होती है। ऐसा ही कुछ तीन दोस्तों ने मिलकर ठाना और एक फिल्म बेहतरीन टीम वर्क के साथ बनाई। इस हिन्दी फिल्म का नाम ‘प्वाइंट ऑफ व्यू’ है। इसी सिलसिले में हाल ही में लखनऊ आए फिल्म के निर्माता और कलाकार देवानंद पाठक से खास बातचीत की गई। पेश है इसके प्रमुख अंश-

एक निर्माता के रूप में यह आपकी प्रथम फिल्म है। फिल्म बनाने का निश्चय आपने कब किया?

– जी हां, फिल्म निर्माता के रूप में यह हमारी पहली फिल्म है, जिसे हम फरवरी के अंत में प्रदर्शित करेंगे। इसे हम तीन दोस्तों ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। प्रभाकर झा, रामेन्द्र पाठक और मेरे मन में यह विचार काफी समय से चल रहा था कि एक फिल्म बनानी है। हम लोगों ने टीम वर्क के तहत मेहनत की और सही समय पर मेहनत रंग लायी व फिल्म तैयार हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आपकी फिल्म को किसी फिल्म महोत्सव में अवॉर्ड भी मिला है?

– जी हां, जयपुर फिल्म फेस्टिवल में हमारी फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला। फिल्म को रिलीज से पहले ही अवॉर्ड मिल जाना मैं एक अच्छा शगुन मानता हूं। ईश्वर ने चाहा तो फिल्म जरूर सफल होगी।

आपने फिल्मों के साथ टेलीविजन में भी काम किया है। दोनों में कितना अंतर पाते हैं?

– मैं पिछले 16 साल से मुंबई में हूं। मैंने टीवी में ‘जोधा अकबर’, ‘सावधान इंडिया’ और कई अन्य सीरियलों में काम किया। कुछ फिल्मों जैसे ‘दस’ और ‘बस एक पल’ में भूमिकाएं निभायीं।

फिल्म ‘प्वाइंट ऑफ व्यू’ में नया क्या है, जिसे आप दर्शकों के सामने पेश करना चाहते हैं?

– इस फिल्म में कुछ दोस्त कहीं बाहर जाते हैं और एक घटना घट जाती है। इस घटना को सब अपने-अपने-अपने नजरिये से देखते हैं। उदाहरण के तौर पर एक किरदार ब्लाइंड व्यक्ति का है, जो घटना को अपनी मन की आंखों से देखता है। हमने ये दिखाने की कोशिश की है, किसी को कम समझना ठीक नहीं है। ईश्वर प्रत्येक व्यक्ति को अपने आप में सम्पूर्ण बनाता है।

फिल्म के किस तरह के किरदार हैं?

– मेरी फिल्म में एक किरदार भूत का है। अभी तक आपने फिल्मों मेंं भूतों को सफेद कपड़े पहनकर और हाथ में मोमबत्ती लेकर चलते देखा होगा लेकिन ‘प्वाइंट ऑफ व्यू’ में हमने भूत के किरदार को नए तरीके से पेश किया है। इसके अलावा फिल्म में शॉन विलयम, सबरीन बेकर खुद मैं प्रमुख भूमिका में हूं।

फिल्म प्रदर्शित होने से पहले दर्शकों से कुछ कहना चाहेंगे?

हम सभी दर्शकों से यही कहेंगे कि आप इस फिल्म को सिनेमाघर में देखें। ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखने जाएं। खास तौर पर मैं यूपी के दर्शकों से अपील करूंगा कि मैं अयोध्या का हूं तो अपने इस यूपी के भाई को सफल बनाएं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH