बीजिंग। चीन नए उपायों के साथ इंटरनेट पर सेंसरशिप तैयार कर रहा है। इसके दायरे में देश में विदेशी कंपनियों तथा उनके संयुक्त उपक्रमों द्वारा प्रकाशित सामग्री आएगी और यह अगले महीने से प्रभाव में आएगा। समाचार एजेंसी एफे की मंगलवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के बाद विदेशी कंपनियां स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस, पब्लिकेशन, रेडियो, फिल्म एंड टेलीविजन की मंजूरी लिए बिना अपनी रचनात्मक सामग्रियों को ऑनलाइन प्रकाशित नहीं कर पाएंगी।
नया उपाय स्थानीय सरकार को इन कंपनियों द्वारा प्रकाशित सामग्रियों की निगरानी करने की शक्ति प्रदान करेगा। हॉन्गकांग के विशेषज्ञों के मुताबिक, ये उपाय इंटरनेट पर नियंत्रण के लिए बीजिंग के प्रयासों का हिस्सा है। साल 2002 से पहले के कानून के मुताबिक, विदेशी कंपनियां अपनी रचनात्मक सामग्रियों को इंटरनेट पर सीधे प्रकाशित कर सकती थीं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीते साल झेजियांग के वूझेन में वर्ल्ड इंटरनेट कान्फ्रेंस में इंटरनेट प्रबंधन में अधिक से अधिक निगरानी का आह्वान किया था। तीन साल पहले शी के सत्ता में आने के बाद से ग्रेट फायरवॉल के नाम से जानी जानेवाली कड़ी सेंसरशिप इंटरनेट पर अधिक से अधिक पाबंदियां लगाता है और पहली बार उन्होंने एक विवादित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा कानून को मंजूरी दी है, जिसे साइबर संप्रभुता की रक्षा करार दिया गया है।