प्रणव धनावड़े एक ऐसा नाम जो एकाएक क्रिकेट के फलक चमकने लगा था। उसके बल्ले की ताकत को देखकर उसकी तुलना क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से की जाने लगी थी। लोग उसे भारत का अगला सचिन तेंदुलकर कहने पर आमादा थे लेकिन अब ऐसा नहीं है इस बल्लेबाज ने बल्ले को टांग दिया है।
दरअसल प्रणव धनावड़े ने स्कूली क्रिकेट में नाबाद 1009 रन की पारी खेल कर पूरे क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी थी। उसके बल्ले से निकलने वाले हर शॉट युवा सचिन की याद दिलाता नजर आ रहा था लेकिन क्रिकेट के इस चमकती दुनिया में वह तनाव का शिकार हो गया है और क्रिकेट से अलग-थलग होने पर मजबूर हुआ प्रणव धनावड़े।
मुम्बई क्रिकेट एसोसिएशन ने प्रणव धनावड़े की प्रतिभा को देखने हुए उसे हर माह उसे दस हजार स्कॉलरशिप देती थी ताकि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट भी खेलता रहे लेकिन अब ऐसा नहीं है, प्रणव धनावड़े का बल्ला जब खामोश हुआ तो उसने क्रिकेट से अलग होने का फैसला कर लिया।
रूठे हालात ने यहीं पर साथ नहीं छोड़ा। एआईआर इंडिया और दादर यूनियर ने भी प्रणव को अपने यहां नेट प्रेक्टिस से रोक दिया। इसके चलते गहरे अवसाद में आ चुके इस बल्लेबाज ने क्रिकेट खेलना ही छोड़ दिया।
उधर इतना ही नहीं पिता प्रशांत धनावड़े ने जब एमसीए को स्कॉलरशिप फिर से देने के हेतु लेटर लिखा तो जवाब आया कि- ‘जब प्रणव फिर से शानदार फॉर्म में होगा तो इसे जारी रखा जाएगा।’ हालांकि क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि प्रणव को इतनी आसानी से हार नहीं माननी चाहिए थी। हर दौर में फॉर्म को लेकर हर खिलाड़ी जूझना पड़ता है।