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देश भर में पढ़ाते मिले 80 हजार ‘अदृश्य’ शिक्षक

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ा रहे शिक्षकों की आधार कार्ड के जरिए पहचान सुनिश्चित करने का अभियान चलाया था। इसके जो आंकड़े सामने आये हैं वो काफी चौंकाने वाले हैं। पता चला है कि देश की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में 80 हजार ऐसे शिक्षक हैं जिनका वजूद ही नहीं है।

शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने AISHE 2016-17 रिपोर्ट जारी करते हुए यह जानकारी दी। प्रकाश जावड़ेकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ ऐसे फर्जी शिक्षक हैं, जो छद्म तरीका अपनाते हैं और कई जगहों पर पूर्णकालिक पढ़ा रहे हैं। आधार वेरीफिकेशन शुरू होने के बाद ऐसे 80 हजार शिक्षकों की पहचान उजागर हुई और अब उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार हो रहा है। उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी केन्द्रीय विश्विवद्यालय में फर्जी शिक्षकों की पहचान नहीं हुई है, लेकिन कुछ राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षक हैं।

मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालयों से सभी कर्मचारियों और छात्रों से आधार नंबर मांगने के लिए कहा है, ताकि डुप्लीकेशन न हो। हालांकि आधार के डेटा लीक होने को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। आधार डेटा लीक होने की मीडिया की खबरों के बीच इन 80 हजार शिक्षकों की पहचान होने की बात सामने आई है। गुरुवार को एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उसने 500 रुपये में करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी हासिल की है।

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया कि उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए 500 रुपये में ये सर्विस खरीदी और करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया। हालांकि UIDAI ने आधार डेटा लीक होने की आशंका से इनकार किया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH