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गुजराल की पेंटिंग देख कोई भी अभिभूत हो जाता है

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नई दिल्ली। भारत के प्रसिद्ध चित्रकार सतीश गुजराल के सम्मान में गुजराल फाउंडेशन की ओर से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया ,जिसमे 70 कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं जो कलाकार को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है। छह दशकों में बनी इन कलाकृतियों को देखने से गुजराल की शिल्प विविधता का भी बोध होता है। इन्हें देख कर कोई भी अभिभूत हो जाता है। तैलीय कैनवास पर बने अतिरंजित मानवीय चित्र 1947 में विभाजन के दौरान उपद्रवों से लोगों की चिंता और शोक को बयां करते हैं जिसके चश्मदीद गुजराल भी थे।
प्रदर्शनी का नाम ‘ब्रश ऑफ लाइफ’ रखा गया है जो दर्शकों को एक काल्पनिक दुनिया में ले जाता है। प्रदर्शनी के आयोजक केजी प्रमोद कुमार कहते हैं, 90 वर्षीय गुजराल के सम्मान में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसके पीछे यह सोच थी कि उनकी पुरानी कलाकृतियां जो सार्वजनिक नहीं हुईं हैं उन्हें प्रदर्शित की जाए। इनमें से कई पेंटिंग ऐसी हैं जो पहली बार दिखाईं जा रहीं हैं। हमलोगों को उनकी कुछ कला कृतियां 1952 की भी मिलीं हैं।

प्रदर्शनी में घूम रहे एक कलाकार ने कहा कि यहां गुजराल की कलाकृतियों को क्रम में सजाया गया है। इन्हें देख कर कोई भी महसूस करता है कि सचमुच गुजराल ही केवल ऐसे आधुनिक भारत के कलाकार हैं जिनकी कला में विविधता है। प्रमोद कुमार कहते हैं कि गुजराल के बनाए कुछ छाया चित्र भी प्रदर्शनी की विशेषता है। इनमें जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय और कृष्ण मेनन के छाया चित्र भी शामिल हैं।

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