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‘क्या सनी लियोनी की फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजना चाहिए’

नई दिल्ली।शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद कई लोगों ने इसका स्वागत किया है, इन्हीं में से एक हैं फिल्ममेकर मुकेश भट्ट। इनका कहना है कि अगर आप सनी लियोनी की फिल्म देखने जा रहे हैं तो कैसे सिनेमाघर में राष्ट्रगान बजाया जा सकता है। कोई अन्य फिल्म भी हो सकती है।”

राष्ट्रगान के मुद्दे पर बोलते हुए मुकेश भट्ट ने कहा कि, ” मनोरंजन की जगह पर राष्ट्रगान की गरिमा के साथ समझौता हो गया था। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। क्योंकि इस फैसले से राष्ट्रगान को बहुत सम्मान मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दाखिल शपथ-पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव दीपक कुमार ने कहा कि था कोर्ट से आग्रह किया जाता है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के आदेश को निलंबित रखा जाए।

दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए चार पेज के हलफनामे में तर्क दिया कि वह एक अंतर मंत्रिमंडलीय समिति का गठन करने जा रहा है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार नए सिरे से अधिसूचना जारी करेगी, तब तक नवंबर 2016 से पहले वाली स्थिति कायम रखी जाए।

ऐसे मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि लोग सिनेमाघर सिर्फ मनोरंजन के लिए जाते हैं। वहां उन्हें अपनी आस्तीन पर राष्ट्रवाद ओढ़कर जाने की जरूरत नहीं है। फ्लैग कोड को लेकर सरकार को एग्जीक्यूटिव आदेश जारी करने चाहिए। कोर्ट इसका बोझ क्यों उठाए? लोग शॉर्ट्स पहनकर सिनेमा जाते हैं, क्या आप कह सकते हैं कि वो राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करते। आप ये क्यों मानकर चलते हैं कि जो राष्ट्रगान के लिए खड़ा नहीं होता, वो देशभक्त नहीं होते।

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बता दें कि श्याम नारायण चौकसे की याचिका में कहा गया था कि किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए राष्ट्रगान के चलन पर रोक लगाई जानी चाहिए और मनोरंजन शो में ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्रगान का इस्तेमाल न किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि एक बार शुरू होने पर राष्ट्रगान को अंत तक गाया जाना चाहिए और बीच में बंद नहीं किया जाना चाहिए।

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Dileep Kumar
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