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झारखंड विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा

रांची, 19 जनवरी (आईएएनएस)| झारखंड विधानसभा लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी विपक्षी पार्टियों द्वारा मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने की मांग को लेकर बाधित रही। विपक्षी पार्टियां चारा घोटाले में कोषागार से धन निकालने के लिए मुख्य सचिव को हटाने और कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ के लिए डीजीपी को हटाने की मांग कर रही हैं। जब सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और पुलिस महानिदेशक डी.के. पांडे को हटाने की मांग की। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों ने 2016 के राज्यसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को हटाने की मांग की।

विपक्ष के नेता और झारंखड मुक्ति मोर्चा(जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन ने कहा, अगर हमारी आवाज नहीं सुनी गई, तो हम अपने सवाल को लेकर कहां जाएंगे।

उन्होंने कहा, यह कहा गया है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसके बारे में सवाल नहीं उठाए। राज्य के गरीब लोग भी सदन के सदस्य नहीं है, लेकिन उनके मुद्दे उठाए जाते हैं।

झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक के विधायक प्रदीप यादव ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्ता के बारे में कहा कि वह चुनाव को प्रभावित करने के लिए गलत काम कर रहे थे।

इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के विधायक अनंत ओझा ने कहा, विपक्ष सदन को चलने नहीं दे रहा है। विपक्ष ‘दबंगई’ कर रहा है।

इसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य अपनी जगहों से उठ गए और उन्होंने विपक्ष के हंगामे का विरोध किया।

विधानसभा अध्यक्ष दिनेश ओबरॉय ने विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की और कहा, इस तरह की स्थितियों से संकेत मिलता है कि प्रश्नकाल नहीं होगा। क्या हमें प्रश्नकाल बंद कर देना चाहिए?

विधानसभा अध्यक्ष ने 11.20 बजे सदन की कार्यवाही 12.15 तक के लिए स्थगित कर दी। लेकिन जैसी ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, फिर से वही माहौल उत्पन्न हो गया।

हंगामे के बीच, सरकार ने तीसरे 1,738 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को सदन में पेश किया। सदन को जिसके बाद अपराह्न् दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर आरोप है कि 1990 के दशक की शुरुआत में पश्चिम सिंहभूम में उपायुक्त पद पर तैनात राजबाला ने चाईबासा कोषागार से धोखाधड़ी से धन निकासी को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। पशुपालन विभाग में धोखाधड़ी से की गई धन निकासी को चारा घोटाले के नाम से जाना जाता है।

पुलिस महानिदेशक डी.के.पांडेय 2015 में लातेहार जिले में एक फर्जी मुठभेड़ को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। इसमें निर्दोष लोगों को नक्सलियों के बहाने मार दिए जाने का आरोप है।

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