लखनऊ | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को घूसखोरी के एक मामले में कानपुर के केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्त और छह अन्य को गिरफ्तार किया। आयुक्त संसार चंद पर कारोबारियों से मासिक और तिमाही आधार पर रिश्वत लेने का आरोप है।
पुलिस ने कहा कि आरोपी अधिकारी के अलावा कुछ इंस्पेक्टरों और व्यक्तियों का निजी समूह पैसों की उगाही के लिए कुछ संस्थानों और कारोबारियों पर दबाव बनाता था।
CBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अन्य आरोपी जो संसार चंद के साथ काम में शामिल थे, उनमें अजय श्रीवास्तव, अमन शाह, राजीव सिंह चंदेल (तीनों कानपुर के) और अमित अवस्थी (रोहिणी, दिल्ली), अमन जैन (शिवाजी पार्क, दिल्ली) और चंद्र प्रकाश (पंजाबी बाग, दिल्ली) शामिल हैं।
गिरफ्तार अधिकारी की पत्नी अविनाश कौर को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है। एजेंसी ने सीजीएसटी आयुक्त पर अपने दिल्ली स्थित आवास पर कारोबारियोंसे बेहद महंगे सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान लेने का भी आरोप लगाया है।
एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि प्रत्यक्ष तौर पर एक डिर्टजेंट निर्माता ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे आयुक्त को हर महीने दो लाख रुपये देने के लिए कहा गया था।
1986 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी संसार चंद कानपुर के गुजैनी इलाके में स्थित कस्टम्स कॉलोनी में रहते हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य राष्ट्रीय राजधानी से गिरफ्तार हुए। इस मामले में सीबीआई ने कार्यालय के कर्मचारी सौरभ पांडे और एक शख्स मनीष शर्मा को भी गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि चंद और अन्य अधिकारी सुनियोजित व व्यवस्थित तरीके से धन की उगाही करते थे।
आबकारी अधिकारियों ने गलत तरीके से धन उगाही के लिए बिचौलिए अवस्थी के जरिए कई लोगों से संपर्क किया।
सीबीआई ने कहा कि निजी पार्टियों के खिलाफ केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा कार्रवाई से बचने के लिए मासिक या तिमाही आधार पर रिश्वत ली गई।
यह पैसा सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा एकत्रित किया जाता था और एक शख्स अमन जैन के माध्यम से हवाला के जरिए दिल्ली भेजा किया जाता था।
कुछ मामलों में यह रिश्वत मोबाइल, रेफ्रिजरेटर और महंगे टीवी आदि के रूप में भी दी गई।
जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के आरोप में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।