नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत पर पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है। इतना ही नहीं कुंडू की शहादत पर लोग पाकिस्तान से बदला लेने की भी मांग कर रहे हैं। उधर, कपिल कुंडु की मां ने कहा कि बेटे को खोकर वह बहुत दुखी हैं, लेकिन यदि उनका एक और बेटा होता तो उसे भी वह सेना में भेजतीं। सुनीता कुंडु ने कहा कि उनका बेटा हमेशा देश के लिए जीता था और सेना में शामिल होने के बाद वह बहुत खुश था।
सुनीता ने कहा, “शहीदों के बलिदान का बदला लेने के लिए सरकार से पाकिस्तान पर अधिक संख्या में सर्जिकल स्ट्राइक का आग्रह करती हूं। यदि मेरा बेटा 15-20 साल और जीवित होता तो वह राष्ट्र को अपनी और सेवाएं देता।”
कैप्टन कपिल के शौर्य का जितना बखान किया जाए, उतना कम है। उन्हें कविताएं लिखने का बड़ा शौक था। वह अपनी बहनों को अपनी दिल की बातें कविताओं के जरिए बयां किया करते थे। अब उनकी एक आखिरी कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कैप्टन कुंडू ने लिखा था।
कमी नहीं है मेरे मुल्क में उस पर मर मिटने वालों की,
अपने लहू से सींचा है उन परवानों ने,
यूं ही नहीं ये वादियां जन्नत कहलाती हैं।
आज भी खड़ी है रूह-ए-आशिक इन सरहदों पे,
आजमाना है किसी को अपना जोर तो आए।
पूछा खुदा ने काफी कत्ल किए हैं उन जहान में,
बोला, आशिक-ए-वतन हूं गुनाहों की हर सजा मंजूर है।
करके नम अपने चशम, बोले निज़ाम-ए-आलम,
ऐसे दलेर आशिक से पहली दफा पाला पड़ा है।
बोला, खुदा कतार बहुत लंबी है अभी आने वालों की,
कमी नहीं है मेरे मुल्क में उस पर मर मिटने वालों की।
कुंडु का 10 फरवरी को 23वां जन्म दिन है। वह जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में रविवार की शाम को तीन अन्य सैनिकों के साथ शहीद हो गए। दूसरे सैनिकों में राइफलमैन रामवतार (28), शुभम सिंह (22) व हवलदर रोशन लाल (42) शामिल हैं।