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कश्मीर विधानसभा में गूंजा सैन्य शिविर पर आतंकी हमले का मुद्दा

जम्मू, 10 फरवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता द्वारा सैन्य शिविर पर आतंकी हमले को रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ जोड़ने और विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के विधायक द्वारा सदन में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के कारण शनिवार को सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने जम्मू शहर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों पर अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए सदन की एकता बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ली और नेशनल कांफ्रेंस विधायक मोहम्मद अकबर लोन द्वारा पाकिस्तान समर्थक टिप्पणी को हटाने का आदेश दिया।

गुप्ता ने विधानसभा में कहा कि अगर जम्मू में रोहिंग्या शरणार्थी नहीं रह रहे होते तो यह हमला संभवत: होता ही नहीं। अध्यक्ष ने दिन में सुंजवान सैन्य शिविर के मुख्य द्वार का दौरा किया था, जहां पर आतंकी हमला हुआ था।

संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी, माकपा के एम.वाई. तारिगामी, नेशनल कांफ्रेंस के अली मोहम्मद सागर और कुछ विधायकों ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह रोहिंग्या शरणाथयों पर की गई अपनी टिप्पणी वापस लें और कहा कि यह बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणी है।

मंत्री वीरी ने कहा, अध्यक्ष सदन के संरक्षक हैं और उन्हें धार्मिक रेखाओं पर समुदाय को बांटने वाली टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, मेरी उनसे अपील है कि इस सदन से कोई भी गलत संदेश बाहर दुनिया तक नहीं जाना चाहिए।

अध्यक्ष अपनी टिप्पणी को वापस लेने के लिए राजी हो गए और लोन की टिप्पणी को विधानसभा के रिकॉर्ड से हटाने का भी आदेश दिया।

इससे पहले बंदीपोरा जिले के सोनावरी विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कांफ्रेंस के वर्तमान विधायक मोहम्मद अकबर लोन ने सदन में उस वक्त तनाव का माहौल पैदा कर दिया, जब उन्होंने खड़े होकर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके पहले सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों ने सुंजवान सैन्य शिविर पर आतंकी हमले की निंदा के लिए पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।

नेशनल क्रांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने तुरंत मामले पर सफाई देते हुए ट्विटर पर लिखा, जेकेएनसी के माननीय अध्यक्ष ने कहा है कि पार्टी के विधायकों को नहीं भूलना चाहिए कि वे एक ऐसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जो द्विराष्ट्र के सिद्धांत को नकारती है और उन्हें यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत के दौरान अल्ला के नाम की शपथ ली है। पार्टी उनकी प्रतिक्रिया को खारिज करती है और उसे अस्वीकार करती है।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हमले पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, आज सुंजवान में हुए हमले पर बहुत दुखी हूं। मेरा दिल घायलों और उनके परिवारों के लिए दुखी है।

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