लखनऊ। जहां देश की सीमाओं पर हमारे सैनिक डटे हुए हैं, बस इसलिए कि हम चैन की नींद सो सकें और कोई बाहरी शक्ति हमें किसी प्रकार को कोई नुकसान न पहुंचा सके, वहीं जब इनके परिजनों को कोई परेशान करता है तो बहुत दुख होता है। जब ऐसी खबरें पढ़ने व सुनने को मिलती हैं तो मन बहुत दुखी होता है। बॉर्डर पर तैनात एक सैनिक के परिजनों के साथ ज्यादती की दर्द भरी दास्तां सामने आई है। आरोप है कि बीएसएफ जवान अजय कुमार की जमीन पर न सिर्फ दबंगों ने कब्जा किया, बल्कि उनके परिवार के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की। इतना ही नहीं पिटाई से घायल सैनिक की पत्नी का गर्भपात भी हो गया।
जवान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि दबंगों ने उसकी लहलहाती फसल को तहस-नहस कर दिया और परिवार के सभी सदस्यों को बुरी तरह से मारा पीटा है। जवान का आरोप है कि दबंगों के इस कारनामे में क्षेत्रिय पुलिस भी उन्हीं का सहयोग कर रही है और एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार के 8 लोगों पर ही हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया।
बीएसएफ जवान अजय कुमार का आरोप है कि दबंगों द्वारा पिटाई से घायल उनकी गर्भवती पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जहां डॉक्टरों को आनन-फानन में डिलवरी करानी पड़ी, लेकिन डॉक्टर नवजात को बचा नहीं पाए। डॉक्टरों ने कहा कि पेट में चोट लगने के कारण बच्चे की मौत हो गई।
देश की सीमाओं पर दुश्मनों से लोहा लेने वाले भारतीय सैनिक को अब अपने ही गांव की सीमाओं में जाने से डर लग रहा है। बच्चे की मौत से दुखी सैनिक अजय कुमार को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनको भी झूठे केस में न फंसा कर सलाखों में डाल दिया जाय।
बता दें कि 102 बटालियन सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत सैनिक अजय कुमार मूल रूप से सहारनपुर के ताताहेड़ी का रहना वाला है। आरोप है कि गांव के ही दबंगों ने पुलिस के सहयोग से लहलहाती फसल को नष्ट कर दिया। विरोध करने पर 80 वर्षीय बुजुर्ग पिता और मां सहित अन्य परिजनों की लाठी डंडों की जमकर पिटाई कर दी। यहीं नहीं पुलिस ने भी एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार पर ही धारा 307 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर सभी को सलाखों के पीछे धकेल दिया।
आंखों में आंसू, चेहरे पर दर्द लिए बहादुर सैनिक अजय कुमार अपनी पीड़ा लोगों को बताई तो प्रशासन की कार्रवाई की टीस भी उनके चेहरे पर साफ दिखी। उन्होंने कहा कि ‘जिस जनता की सुरक्षा के लिए हम लोग बार्डर पर दुश्मनों से लोहा ले रहे हैं वहीं जनता उनके परिजनों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है। वहीं अजय कुमार ने कहा कि डीएम से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक अपील करने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा उन्हीं के परिजनों को फंसा दिया गया है। ऐसे में परिवार के लोगों की जान का खतरा बना हुआ है।