National

राज्यसभा में अन्नाद्रमुक का हंगामा, कार्यवाही चार बार स्थगित

IN03_PTI3_2_2015_0_2329311f

नई दिल्ली | राज्यसभा में मंगलवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया। इस वजह से दोपहर के भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई। कार्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद एआईएडीएमके सदस्य सभापति के आसन के करीब पहुंच गए और ‘चिदंबरम और उनके बेटे को गिरफ्तार करो’ और ‘चिदंबरम पर कार्रवाई करो’ जैसे नारे लगाने लगे।

इस विरोध प्रदर्शन के बीच पहले राज्यसभा के सभापति और बाद में उप सभापति ने सदन की कार्यवाही जारी रखने की कोशिश की। कार्यवाही शुरू होने के बाद जब पहली बार हंगामा हुआ तो उप सभापति पी. जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो कुरियन ने यह घोषणा की कि एआईएडीएमके का नोटिस खारिज कर दिया गया है क्योंकि उसके लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। एआईएडीएमके के सदस्यों की नारेबाजी की वजह से शून्यकाल के दौरान कुछ ही सदस्य अपने मुद्दे उठा सके। विरोध प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से कुरियन ने कहा कि कार्रवाई करना उनके हाथ में नहीं है। कुरियन ने कहा, “यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका इस आसन से कोई लेना-देना नहीं है।

आप किसी निजी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं तो आपको सरकार के पास जाना चाहिए। आप मुझे परेशान क्यों कर रहे हैं? ” हंगामा जारी रहा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल के दौरान भी नजारा वैसा ही रहा। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने एआईएडीएमके की नारेबाजी के बीच ही कुछ सवाल-जवाब चलने दिया। नारेबाजी से नाराज सभापति ने कहा, “आसन को ऐसा लग रहा है कि कुछ माननीय सदस्य किसी खास अखबार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं जो कि बहुत अनुचित है।” इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

इसके बाद भी जब प्रदर्शन जारी रहा तो सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल दिसंबर में चेन्नई स्थित कुछ कंपनियों के परिसरों में छापे मारे थे। उन कंपनियों का कथित रूप से कार्ती से संबंध बताया गया है। कार्ती ने बाद में कहा था कि न तो वह और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य इनमें से किसी भी कंपनी का शेयरधारक है।

=>
=>
loading...