सहारनपुर। अयोध्या मामले को लेकर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर चल रहा बहस व विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में मामले पर कभी राजनीति गरमा जाती है तो कभी धार्मिक संगठनों में उबाल आ जाता है, जबकि पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या मामले की सुनवाई होने वाली है, जिसको लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले को लेकर होने वाली सुनवाई के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिन्द पूरी तरह से तैयार है।
मंगलवार 13 मार्च को मौलाना अरशद मदनी ने जारी बयान में कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्द बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य पक्षकार है। बाबरी मस्जिद की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए जमीयत की ओर से सभी तैयारी कर ली गई हैं। इतना ही नहीं हमें पूरा विश्वास है कि न्यायालय ऐतिहासिक तथ्यों और मौजूद सबूतों के आधार पर ही अपना फैसला सुनाएगी।
अरशद मदनी ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि जो मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में है उस पर कुछ लोग बयानबाजी कर रहे हैं। ये उच्चतम न्यायालय की अवमानना है। ऐसे में दोनों पक्षों को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। किसी बात पर कोई बेवजह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।