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केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर एआईएडीएमके ने अभी पत्ते नहीं खोले

चेन्नई, 16 मार्च (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद तेदेपा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है लेकिन तमिलनाडु के एआईएडीएमके का कहना है कि पार्टी इस प्रस्ताव पर विचार करेगी। भाजपा और कांग्रेस के बाद एआईएडीएमके लोकसभा में 37 सांसदों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को अभी यह फैसला लेना है कि वह इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी या नहीं।

एआईएडीएमके नेता ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त आईएएनएस को बताया, पार्टी इस मसले पर फैसला करेगी और फिलहाल इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकता।

लोकसभा में तमिलनाडु से भाजपा और उसके सहयोगी पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के एक-एक सांसद हैं।

नेता ने कहा कि भाजपा द्वारा छोटे दलों के सहयोग से इस अविश्वास प्रस्ताव को मात देने की संभावना प्रबल है।

उन्होंने कहा, हमें कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की उम्मीद हैं। तमिलनाडु में पार्टी डीएमके के साथ गठबंधन में है। एआईएडीएमके विरोधी गठबंधन अविश्वास प्रस्ताव आगे बढ़ा सकता है और राज्य स्तर पर इसे सहयोग मिल सकता है।

आंध्र के मुख्यमंत्री व तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को पोलितब्यूरो के सदस्यों, वरिष्ठ नेताओं और सांसदों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया।

नायडू ने शुक्रवार को टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पार्टी को प्रतिद्वंदी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास मत प्रस्ताव पेश करने को समर्थन देने के बजाए अपने बलबूते सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि नायडू ने इस संदर्भ में तेदेपा के सांसद थोटा नरसिम्हन को लोकसभा सचिवालय को नोटिस सौंपने के लिए कहा है।

नरसिम्हन ने बाद में लोकसभा सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा, यह सभा मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रकट करती है।

लोकसभा में तेदेपा के 16 सांसद हैं।

यह अविश्वास प्रस्ताव एआईएडीएमके के लिए कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) और कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन के लिए सरकार पर दबाव बनाने का अच्छा मौका हो सकता है।

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