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विद्यार्थियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली प्राथमिकता : दिनेश शर्मा

लखनऊ, 18 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि राज्य में जल्द ही स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से दर्ज की जाएगी। यह व्यवस्था जल्द ही सरकार लागू करेगी और इसे 100 फीसदी लागू करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था पर भी सरकार पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है।

शर्मा ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि उप्र में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की पूरी संभावनाए हैं, और सरकार इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, उप्र में हम नकल विहीन परीक्षा कराने में काफी हद तक सफल हुए हैं। उप्र में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षाएं छोड़ दी हैं। हमारा प्रयास है कि बच्चों को नकल माफियाओं से मुक्त किया जाए। हमने इसमें काफी सफलता हासिल की है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, उप्र देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है। यहां हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएड को मिलाकर 70 लाख से अधिक विद्यार्थी एक साथ परीक्षा में बैठते हैं। यदि इसमें 9वीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों को शामिल कर दें तो यह आंकड़ा एक करोड़ से ऊपर चलाया जाएगा। हम कह सकते हैं कि इतने बड़े बोर्ड की परीक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने का काम किया है।

शर्मा ने कहा, पहले उप्र में बोर्ड की परीक्षाएं दो-ढाई महीने तक चलती थीं। इससे पैसे और संसाधन दोनों की बर्बादी होती थी। हमने इसे घटाकर एक महीने तक किया है। इससे करोड़ों रुपये राजस्व की भी बचत होती है। अगले सत्र से हम इसे 15 दिनों में सम्पन्न कराने का प्रयास करेंगे।

शर्मा ने कहा कि उप्र में बच्चों को जल्द ही आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा, जिससे परीक्षा के दौरान नकल पर नकेल कसने में मदद मिलेगी, और इससे किसी विद्यार्थी की जगह दूसरा व्यक्ति बैठकर परीक्षा नहीं दे पाएगा।

उन्होंने कहा, अध्यापकों का प्रशिक्षण, अध्यापकों एवं विद्यार्थियों की अनिवार्य उपस्थिति और छुट्टियों में कमी पर हमारा ध्यान रहेगा। 9वीं एवं 11वीं में जल्द ही हम व्यावसायिक पाठयक्रमों को शामिल करेंगे, ताकि विद्यार्थियों को रोजगारपरक बनाया जा सके।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, हमारा प्रयास है कि वर्ष भर में कम से कम 220 दिन बच्चे पढ़ें और अध्यापक उन्हें पढ़ाएं। इसके लिए हम काम कर रहे हैं। महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियों में कटौती की गई है। दशहरा और दीपावली की छुट्टियों में भी कटौती की गई है। इन सबके पीछे हमारी मंशा है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने का अवसर मिले।

शर्मा ने कहा, अध्यापकों के स्थानांतरण को लेकर भी सरकार ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इससे अब अध्यापकों को मंत्रियों, विधायकों के यहां अपने स्थानांतरण को लेकर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एक अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और शिक्षकों का कम्पयूटर के माध्यम से ही तबादला हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तबादला होने के बाद जॉइनिंग के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। तबादला होने के साथ ही कम्प्यूटर से ही रिसिविंग मिल जाएगी और उसकी एक प्रति संबंधित जिले या स्कूल में अपने आप चली जाएगी। हमने साफतौर पर यह कह दिया है कि कम्प्यूटर से तबादले की प्रति मिलने के साथ ही यह मान लिया जाएगा कि शिक्षक की उस स्कूल में जॉइनिंग भी हो गई।

उप्र में नकल विहीन परीक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नकल विहीन परीक्षा को लेकर और सख्ती बरती जाएगी, और अब तो राज्य में नया व सख्त कानून यूपीकोका भी आ गया है, जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।

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