बीजिंग। चीन के वुहान शहर से से जब कोरोना वायरस फैला था तो इसकी जानकारी दुनिया के सामने सबसे पहले डॉक्टर हू वीफेंग ने लाई थी। बाद में वो खुद कोरोना की चपेट में आ गए थे। उनकी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया में आई थी जिसमें उनका चेहरा एकदम काला पड़ गया था। अब उन्ही डॉक्टर की कोरोना से लड़ते हुए मौत हो गई है।
चीनी मीडिया के मुताबिक, करीब एक महीने से अधिक वक्त तक आईसीयू में इलाज होने के बाद हू वीफेंग की मौत हो गई। कोरोना वायरस से बीमार होने के बाद उनके शरीर में अन्य दिक्कतें भी बढ़ गई थीं। इससे पहले वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के एक प्रवक्ता ने कहा था कि एंटीबायोटिक्स के अधिक इस्तेमाल की वजह से उनकी स्किन काली हुई थी।
हू वीफेंग चीन में कोरोना के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर ली वेनलिआंग के साथ लैब में काम करते थे। ली वेनलिआंग ही थे, जिन्होंने सबसे पहले चीन में कोरोना वायरस फैलने को लेकर अन्य डॉक्टरों को आगाह किया था। लेकिन उस वक्त उन्हें चुप करा दिया गया था। बाद में ली वेनलियान्ग ने अस्पताल से एक वीडियो के ज़रिए अपनी कहानी पोस्ट की थी। ली और हू दोनों कोरोना इंफेक्टेड हो गए। ली की पहले ही मौत हो चुकी है।