बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल मुठभेड़ में शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। वहीं जवानों की जवाबी कार्रवाई में 15 नक्सली ढेर हो गए हैं। बताया जा रहा है नक्सली अपने मृतक साथियों के शव दो ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर अपने साथ ले गए। इस बीच मुठभेड़ वाली जगह के आस पास सुरक्षाबलों का सर्च आपरेशन जारी है।
बता दें कि शनिवार को बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर जगरगुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के पास सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच शनिवार को हुई मुठभेड़ करीब पांच घंटे तक चली। इस मुठभेड़ में पहले पांच जवानों के शहीद होने की बात कही जा रही थी औऱ 18 जवान लपता बताए जा रहे थे, लेकिन आज सुबह शुरू हुए सर्च ऑपरेशन के बाद शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 22 हो गई। आज जंगल में 17 जवानों के शव बरामद हुए हैं। अभी सर्च ऑपरेशन जारी है।
रविवार को छत्तीसगढ़ राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने शनिवार को बताया था कि शुक्रवार रात बीजापुर और सुकमा जिले से सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। इस अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ तथा सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम के लगभग दो हजार जवान शामिल थे।
घटना के बाद तररेम के जंगलों में 9 एंबुलेंस भेजी गई हैं। बीजापुर 2 MI-17 हेलिकॉप्टर भेजे गए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज ने जानकारी देते हुए बताया कि घटनास्थल के आसपास नक्सलियों के बटालियन की टीम के मौजूद होने का अभी भी है अंदेशा है। वहीं, मुठभेड़ में 15 नक्सलियों को भी मार गिराया गया है इसलिए बैकअप पार्टी सावधानी के साथ आगे बढ़ रही है। 2 अप्रैल की रात बीजापुर और सुकमा से डीआरजी, एसटीएफ, सीआरपीएफ एवं कोबरा टीम के संयुक्त बल को नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण बस्तर के इलाके में अभियान पर भेजा गया था। 3 अप्रैल को दोपहर करीब 12 बजे सुकमा-बीजापुर की सीमा पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। यह मुठभेड़ 3 घंटे से ज्यादा समय तक चली थी।