लखनऊ। प्रदेश के कृषकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किए जाने हेतु ‘एकमुश्त समाधान योजना 2021’ लायी गयी है। इस योजना के द्वारा प्रदेश के जिन कृषकों ने उ0 प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 से दिनांक 31.03.2013 तक या उसके पूर्व ऋण लिया है उनको ब्याज में भारी छूट प्रदान करते हुए, उन्हें अपना बकाया बैंक में जमा करने हेतु सुनहरा अवसर प्रदान किया गया हेै।
यह जानकारी प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त ऐसे मृतक बकायेदार जिन्होंने दिनांक 31.03.2013 के पश्चात् ऋण प्राप्त किया है एवं जिनकी मृत्यु दिनांक 30.06.2020 या उसके पूर्व हो गयी है, उन्हें भी इस योजना में आच्छादित किया गया है। सहकारिता मंत्री ने यह भी अवगत कराया है कि छूट प्रदान करने हेतु कृषक बकायेदारों की छः श्रेणियाँ बनाकर अधिकाधिक कृषकों को ब्याज में 30 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक लाभ पहुँचाये जाने की योजना बनायी गयी है। योजना के मुख्य बिन्दु श्रेणी-1 के अनुसार दिनांक 31 मार्च, 1997 तक अथवा उक्त तिथि से पूर्व वितरित ऋण प्रकरणों में कुल देय मूलधन की शत प्रतिशत वसूली करते हुए उन पर देय समस्त ब्याज माफ किया जायेगा। श्रेणी 2 के अनुसार दिनांक 01 अपै्रल, 1997 से दिनांक 31 मार्च, 2001 तक के मध्य ऋण लेने वाले कृषक बकायेदारों से अवशेष समस्त मूलधन की वसूली की जायेगी व उस पर देय समस्त ब्याज पर छूट का लाभ निम्नानुसार अनुमन्य कराया जायेगाः-
(क) जिन प्रकरणों में वितरित धनराशि/मूलधन के 50 प्रतिशत के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गयी है, उनमें अवशेष मूलधन लिया जायेगा।
(ख) जिन प्रकरणों में वितरित धनराशि/मूलधन के 50 प्रतिशत से कम ब्याज की वसूली की गयी है उनमें मूलधन/वितरित ऋण राशि के (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुये) 50 प्रतिशत तक के बराबर ब्याज लिया जायेगा। श्रेणी 3 के अनुसार दिनांक 01 अपै्रल, 2001 से दिनांक 31 मार्च, 2009 तक के मध्य ऋण लेने वाले कृषकों से अवशेष समस्त मूलधन की वसूली की जायेगी व उस पर देय समस्त ब्याज पर छूट का लाभ निम्नानुसार अनुमन्य कराया जायेगा-
(क) जिन प्रकरणों में वितरित धनराशि/मूलधन के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गयी है, उनमें अवशेष मूलधन लिया जायेगा।
(ख) जिन प्रकरणों में वितरित धनराशि/मूलधन से कम ब्याज की वसूली की गयी है उनमें मूलधन/वितरित ऋण राशि (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुये) के बराबर ब्याज लिया जायेगा।
श्री वर्मा ने बताया कि श्रेणी-4 के अनुसार दिनांक 01 अपै्रल, 2009 को अथवा उसके पश्चात दिनांक 31 मार्च, 2013 तक के मध्य ऋण लेने वाले कृषकों हेतु छूट अधोलिखित होगी-
(क) बकायेदार कृषकों पर देय समस्त मूलधन की शत-प्रतिशत वसूली की जायेगी।
(ख) योजनान्तर्गत समझौते की तिथि तक उस पर देय समस्त प्रकार के ब्याज में 30 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की जायेगी तथा अवशेष 70 प्रतिशत ब्याज की वसूली की जायेगी। श्रेणी 5 के अनुसार ऐसे बकायेदार जिनकी समस्त किश्तें दिनाॅक 30.06.2020 को बकाया नहीं हुयी है, को भी श्रेणी 04 में प्राविधानित व्यवस्था के अनुसार समस्त प्रकार के ब्याज में 30 प्रतिशत की छूट इस प्रतिबन्ध के साथ अनुमन्य किया जायेगा, कि बकायेदार द्वारा अपने ऋण की बकाया किश्तों एवं आगामी समस्त देय किश्तों का भुगतान करते हुये अपना ऋण खाता बन्द करा दिया जाय। श्रेणी 6 के अनुसार दिनांक 30.06.2020 को अथवा उससे पूर्व ऋणी सदस्य के मृतक होने की स्थिति में दिनांक 31.03.2013 तक अथवा उससे पूर्व का ऋण लिये जाने का प्रतिबन्ध प्रभावी नहीं रहेगा। मृतक बकायेदारों के ऋण प्रकरणों में बकाये की समस्त किश्तों के साथ ही साथ आगामी तिथियों में देय किश्तों का अग्रिम भुगतान किये जाने की दशा में श्रेणी 04 में प्रावधानित व्यवस्था के अनुसार समस्त प्रकार के ब्याज में 30 प्रतिशत का लाभ अनुमन्य किया जा सकेगा।
उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि इस योजना केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करके उनकी आय दोगुना करने के उद्देश्य से लायी गयी है। उन्होंने उ0 प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के बकायेदार कृषकों से अपील की है कि वे समय से अपना बकाया जमा करके योजना का अधिकाधिक लाभ उठायें।