अमेरिकी सैनिकों के अफ़ग़ानिस्तान से बाहर जाने के फ़ैसले के बाद तेज़ी से पैर पसारते हुए तालिबान ने महज़ कुछ सप्ताह के भीतर देश की राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया है। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी देश छोड़ कर भाग गए हैं और तालिबान ने कहा है कि बीस साल के इंतज़ार के बाद वो सत्ता के बेहद क़रीब पहुंचा है। तालिबान ने यहां एक के बाद एक शहरों पर कब्ज़ा किया। कई शहरों के गर्वनरों ने उनके सामने खुद की आत्मसपर्मण कर दिया और उसके लड़ाकों को कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा।
इस बीच कई देश काबुल में मौजूद अपने दूतावासों से अपने राजनयिकों और नागरिकों को निकालने की कोशिशें तेज़ कर रहे हैं। राजधानी में अफ़रा-तफ़री का माहौल देखने को मिल रहा है और लोग जल्द से जल्द देश छोड़ कर भागने की कोशिश कर रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान को लेकर चौतरफ़ा आलोचनाओं से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्तीफ़े की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि अगर वो राष्ट्रपति होते तो अमेरिका का वहां से निकलना ‘बेहद अलग और बहुत सफलतापूर्वक होता।’
भारतीय समयानुसार रविवार देर शाम तक अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने देश छोड़ दिया था। दूसरी तरफ तालिबान ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके लड़ाके अधिकारिक तौर पर काबुल के इलाक़ों में दाख़िल हो रहे हैं और दफ्तरों के कब्ज़े ले रहे हैं। तालिबान के क़ब्ज़े में आने और अफ़गान राष्ट्रपति के देश छोड़ने के बाद वहाँ कई जगहों पर गोलियों की आवाज़ सुनी गई।