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काबुल धमाकों में मारे गए कई अमरीकी, बाइडन बोले आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे

तालिबान के नियंत्रण के बाद अस्पतालों में स्टाफ़ की कमी है और वहां पर मरीज़ों की भीड़ लगी हुई है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल चैरिटी संस्था ‘इमर्जेंसी’, दकाबुल सर्जिकल सेंटर चलाती है। उसका कहना है कि उनके यहां दो घंटे के अंदर 60 घायल पहुंचे थे जिनमें से 16 की वहां आते ही मौत हो गई थी। संस्था की अध्यक्ष रॉसेला मिचियो जो कि अफ़ग़ानिस्तान में नहीं हैं। उनका कहना है कि जो स्टाफ़ अपनी शिफ़्ट ख़त्म करके चले गए थे वो तुरंत मदद के लिए वहां पहुंचे।

काबुल बम धमाकों के बाद आतंकियों को खुलेआम चुनौती देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम चुन-चुनकर तुम्हारा शिकार करेंगे और मारेंगे। आपको इसका अंजाम भुगतना ही होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।

इधर, दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है। वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि रूसी अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए मृतकों के आंकड़ों में मारे गए अमेरिकी नौसैनिकों की संख्या शामिल है या नहीं।

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