अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में गुरुवार को हुए धमाकों के बाद मेडिकल सुविधाओं की कमी की ख़बरें सामने आ रही हैं। इस बीच तालिबान ने महिला स्वास्थ्यकर्मियों को काम पर लौटने को कहा है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “इस्लामी अमीरात के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी महिला कर्मचारियों को केंद्र और प्रांतों में नियमित रूप से अपने काम पर लौटने को कहा है। इस्लामिक अमीरात की तरफ़ से उनके काम में कोई बाधा नहीं डाली जाएगी।”
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से ही इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या महिलाओं को नौकरी करने दी जाएगी या नहीं। काबुल में प्रवेश के बाद अपनी पहली प्रेसवार्ता तालिबान प्रवक्ता ने कहा था कि महिलाओं को वही अधिकार मिलेंगे जो शरिया क़ानून में तय हैं। ज़बीउल्लाह मुज़ाहिद ने कहा था, “हम शरिया व्यवस्था के तहत महिलाओं के हक़ तय करने को प्रतिबद्ध हैं। महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।”
कई अन्य तालिबान लीडर भी महिलाओं को काम करने देने के बारे में बयान देते रहे हैं पर फ़िलहाल कोई स्पष्ट नीति सामने नहीं आई है। ग़ौरतलब है कि हाल ही में देश राष्ट्रीय टीवी और रेडियो संस्थान में महिलाओं को काम करने से रोक दिया गया था।