लखनऊः सर्दियों के मौसम में परिवर्तन के साथ ही आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिल जाती है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य के प्रति लोगों को इन दिनों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। डॉक्टर बताते हैं कि मौसम में यह बदलाव कई बीमारियां लेकर आते हैं, इससे बचाव करना जरूरी होता है। चूंकि अब सुबह शाम तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जा रही है ऐसे में फ्लू के संक्रमण के साथ लोगों को गले में खराश और बंद नाक की समस्या होना काफी सामान्य है।
डॉक्टरों के मुताबिक कमजोर इम्यूनिटी और क्रोनिक बीमारियों के शिकार लोगों को मौसम में हो रहे इस बदलाव के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। ठंडी हवा अक्सर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है और सर्दी-फ्लू के लिए संवेदनशीलता बढ़ा सकती है, इससे बचाव के लिए उपायों को प्रयोग में लाना आवश्यक है। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे चार कारगर उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाकर तमाम समस्याओं से सुरक्षित रहा जा सकता है।
हाथों की स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान
मौसम में होने वाले बदलाव के साथ वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि यदि हाथों को बार-बार धोते रहने की आदत बना ली जाए तो वायरल संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। रोजाना कई सतहों के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप हाथों में कीटाणु या वायरस चिपक जाते हैं, ऐसे में हाथों को मुंह, आंख और कान के पास ले जाने की स्थिति में शरीर में संक्रमण प्रवेश कर सकता है। हाथ धोने या सैनिटाइज़ करने की आदत इस तरह के संक्रमण से सुरक्षा दे सकती है।
नमक पानी के गरारे
अध्ययनों से पता चला है कि नमक पानी से गरारे करने से ऊपरी श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण की आशंका को कम किया जा सकता है। मुंह और गले में रहने वाले बैक्टीरिया को साफ करने का यह सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। पानी में चुटकी भर नमक डाल कर गरारे करने से गले का संक्रमण दूर होता है और वायरल संक्रमण से बचाव में आसानी होती है।
मौसमी फलों का सेवन जरूरी
डॉक्टरों के मुताबिक शरीर को स्वस्थ रखने और तमाम प्रकार के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए उन चीजों का सेवन बहुत आवश्यक होता है जो इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं। मौसमी फलों को इसके लिए सबसे कारगर तरीका माना जाता है। इस मौसम में केले, अनार, सेब, पपीता कीवी जैसे फलों का सेवन करके मौसमी संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रहा जा सकता है।
व्यायाम और नींद आवश्यक
शरीर को स्वस्थ और तमाम तरह के रोगों से मुक्त रखने के लिए व्यायाम और नींद दोनों बहुत आवश्यक हैं। शारीरिक निष्क्रियता के कारण तमाम तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, वहीं नींद न पूरी होने से भी शरीर का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से हल्के व्यायाम (45 मिनट का व्यायाम 3-5 दिन प्रति सप्ताह) करते हैं उनमें ऊपरी श्वसन रोगों से लड़ने में अधिक क्षमता होती है। वहीं एक अन्य अध्ययन के मुताबिक प्रति रात 7 घंटे से की नींद पूरी करने वाले लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर रहती है, जो उन्हें तमाम प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक है।