Uttar Pradesh

सपा जितने पैसे से चलाती थी साल भर सरकार, उससे अधिक योगी ने किसानों को दिए

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में किसानों को लेकर विरोधी दलों के दावों की पोल गन्ना और कृषि विभाग खोल रहा है। योगी सरकार ने सपा सरकार के वित्त वर्ष 2015-16 में सालाना बजट में पेश तीन लाख दो हजार 687 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का किसानों को भुगतान किया है। जितनी धनराशि से सपा सरकार पूरे प्रदेश में विभिन्न योजनाओं को चलाती थी, योगी सरकार ने उससे अधिक धनराशि किसानों को दिया है।

प्रदेश सरकार ने पांच साल में 3,23,245 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि किसानों को महज कुछ योजनाओं के तहत ही दे दिया है। सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद देने में पिछली सरकारों से चली आ रही परिपाटी को बदल दिया है। पहले की अपेक्षा अब गन्ना किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है। साथ ही साल दर साल चलने वाली पेंडेंसी पर भी विराम लगा है। योगी सरकार ने पिछले सरकार के दौरान पेराई सत्रों का 10,661.38 करोड़ रुपए बकाया सहित इस साल 20 जनवरी तक 1,55,435.44 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान कराया है। 86 लाख किसानों को 36 हजार करोड़ रुपए देकर कर्ज माफी की गई है। एमएसपी पर किसानों से रिकार्ड 476 लाख मीट्रिक टन से अधिक अनाज खरीद कर 84,000 करोड़ का भुगतान किया गया है। कृषि विभाग की ओर से एक करोड़ 20 लाख किसानों को बीज, यंत्र और कृषि रक्षा रसायन में 2665 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के तहत 60 हजार से अधिक किसानों को सौ करोड़ रुपए से ज्यादा धनराशि से किसानों की मदद की गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में दो करोड़ 55 लाख किसानों को 42,565 करोड़ का भुगतान किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 28 लाख से अधिक किसानों को 2480 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

तीन लाख 90 हजार फर्जी सट्टे किए बंद, 12.42 लाख नए गन्ना किसानों को बनाया सदस्य

गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी का कहना है कि गन्ना किसानों की सहूलियत के लिए चीनी उद्योग और नई परियोजनाओं के लिए 33 सौ करोड़ से अधिक का निवेश किया है। इसमें चीनी मिलों की क्षमता वृद्धि से लेकर नई चीनी मिलें भी लगाई गई हैं। किसानों को पारदर्शी तरीके से पर्चियों के लिए तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए एसएमएस से सूचना दी जा रही है। जिस कारण तीन लाख 90 हजार फर्जी सट्टे बंद किए गए हैं और 12.42 लाख नए गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को सदस्य बनाया गया है। देश में गन्ना, चीनी उत्पादन और एथनॉल आपूर्ति में प्रदेश पहले पायदान पर है। एथनॉल का उत्पादन वर्ष 2016-17 में 43.25 करोड़ लीटर से वर्ष 2020-21 में बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो चुका है।

14 चीनी मिलों की पेराई क्षमता के बराबर लग रही खांडसारी इकाईयां: राणा

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि सरकार ने नई खांडसारी इकाईयों के लिए 275 लाइसेंस जारी किए हैं। जिनकी पेराई क्षमता 69,450 टीसीडी होगी और यह 5,000 टीसीडी की लगभग 14 चीनी मिलों की पेराई क्षमता के बराबर है। इन इकाईयों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में 1161.20 करोड़ का कृषि निवेश होगा और करीब 30,920 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पहले से चल रही खांडसारी इकाईयों के पुर्नसंचालन के लिए निशुल्क लाइसेंस का नवीनीकरण किया जा रहा है।

पिछली सरकार से चले आ रहे बकाए 10,661 करोड़ रुपए का भी किया भुगतान

योगी सरकार ने प्रदेश में पेराई सत्र 2021-22 में 8,698.11 करोड़, 2020-21 में 31,684.63 करोड़, पेराई सत्र 2019-20 में 35,898.85 करोड़, 2018-19 में 33,048.06 करोड़ और 2017-18 के 35,444.06 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। साथ ही पिछले सरकार के दौरान पेराई सत्रों का 10,661.38 करोड़ सहित अब तक कुल 1,55,435.44 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कराया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH