नई दिल्ली। श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। महंगाई का आलम ये है कि रोजमर्रा की जरुरत की चीजें आम आदमी की पहुंच से दूर हो गई हैं। जहां आलू 200 रु किलो बिक रहा है तो 400 ग्राम का दूध का पैकेट 790 रु में मिल रहा है। इस बीच श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने भी देश के हालात पर चिंता जताई है।
महेला ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, मैं श्रीलंका में आपातकालीन कानून और कर्फ्यू को देखकर दुखी हूं। सरकार उन लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज नहीं कर सकती, जिन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है। ऐसा करने वाले लोगों को निर्धारित करना स्वीकार्य नहीं है और मुझे बहादुर श्रीलंकाई और वकीलों पर बहुत गर्व है। जो उनके बचाव के लिए दौड़ पड़े।
सच्चे नेता गलतियों के मालिक होते हैं। हमारे देश के लोगों को उनकी पीड़ा में एकजुट होने की रक्षा करने के लिए यहां बहुत जरूरी है। ये समस्याएं मानव निर्मित हैं और सही, योग्य लोगों द्वारा तय की जा सकती हैं। इस की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने वाले कुछ लोग देश ने लोगों का विश्वास खो दिया है और उसे खड़ा होना चाहिए। हमें देश को विश्वास और विश्वास देने के लिए एक अच्छी टीम की जरूरत है।
उन्होंने पोस्ट किया, यह समय बहाने बनाने या बर्बाद करने का नहीं, विनम्र होने और सही काम करने का समय है। इस बीच, राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच संगकारा ने विरोध करने वाले श्रीलंकाई लोगों का समर्थन करते हुए उनके संघर्ष को सही ठहराया। संगकारा ने इंस्टाग्राम पर लिखा : श्रीलंकावासी कल्पना के सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं। लोगों और परिवारों की निराशा को देखकर दिल दहल जाता है, क्योंकि वे इसे बनाने के लिए संघर्ष करते हैं और उनके लिए प्रत्येक दिन कठिन होता जाता है। लोग आवाज उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि क्या है समाधान।