गोरखपुर। केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता के कार्यो में शामिल ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के लिए गोरखपुर जिले के सहजनवा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बुदहट में तकरीबन दो करोड़ रुपये की लागत से एक एकड़ क्षेत्र में प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण होगा। इस केंद्र के निर्माण के लिए स्थान चयनित किया जा चुका है। विस्तृत कार्य योजना बना कर जल्द ही जिले स्तर पर मंजूरी के बाद शासन को भेजा जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के फेज दो में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत सरकार व्यक्तिगत एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पूर्ण करने के बाद उनके इस्तेमाल पर जोर देने के साथ ही ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन पर सर्वाधिक ध्यान रही है। इसलिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही प्रबंधन का मॉडल दिखाकर उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाए। यह प्रशिक्षण केंद्र इसी की कड़ी हैं। उत्तर प्रदेश का इस तरह का पहला प्रशिक्षण केंद्र बुलंदशहर में निर्मित किया जा चुका है। जबकि दूसरा प्रशिक्षण केंद्र लखीमपुरखीरी में निर्माणाधीन है। गोरखपुर के बुदहट में निर्मित होने वाला प्रशिक्षण केंद्र सूबे का तीसरा केंद्र होगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला संयोजक बच्चा सिंह ने बताया कि इस प्रस्तावित केंद्र में तीन प्रशिक्षण सभागार भी निर्मित किए जाएगे।
यह बनाए जाएंगे मॉडल
ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए यहां वर्मी कम्पोस्ट पिट, नाफेड पिट, सोक पिट, लिच पिट, मैजिक पिट, रोटेटरी पिट निर्मित किए जाएंगे। इसके अलावा बायो गैस प्लांट और सेनेटरी नैपकीन निस्तारण प्लांट भी लगाया जाएगा। साथ ही, पालिथीन से प्लास्टिक बॉल बनाने वाली मशीन और छोटा तालाब भी निर्मित किया जाएगा।
ग्राम पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने में भी योगदान
यह प्रशिक्षण केंद्र ग्राम पंचायतों को स्वच्छता का व्यावहारिक ज्ञान देने के साथ उन्हें स्वच्छ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी काम करेगा। ठोस एवं तरल कचरे से खाद बनाने, गैस से ऊर्जा बनाने एवं पालिथीन की प्लास्टिक बॉल की बिक्री से आय अर्जित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।