अयोध्या। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो या अवधपुरी का सर्वांगीण विकास, इस पुनीत कार्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ पूर्ण निष्ठा के साथ लगे हुए हैं। राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम के भाव से अयोध्या के कायाकल्प में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मठता आज संत समाज में भी चर्चा का विषय है। अयोध्या के संतजन भी मुख्यमंत्री के कार्यों और त्रेतायुगीन इस नगरी के विकास और महान गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा होने से गदगद हैं। अयोध्या के ऐतिहासिक अशर्फी भवन के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर्मठता के साथ वेद, सनातन धर्म, गौमाता व भारतीय संस्कृति के प्रति उदार भाव रखते हैं, उनकी निष्ठा के कारण ही श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी गति से पूरा हो रहा है।
कभी फैली रहती थी अराजकता, आज बुलडोजर देता है जवाब
उन्होंने कहा कि ये वही उत्तर प्रदेश है जहां कभी अराजकता फैली रहती थी। यूपी को एक विकृत प्रदेश के रूप मे जाना जाता था। आज उसी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री अपने नेतृत्व क्षमता से अराजकतावादियों और आतताइयो को बुल्डोजर से जवाब दे रहा है। स्वामी श्रीधराचार्य महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व मे इस अयोध्या में अप्रतिम विकास कार्य हो रहा है। ऐसी अद्भुत अयोध्या का नवनिर्माण हो रहा है, जिससे आने वाले एक हजार वर्षो तक इस पावन नगरी का वैभव अक्षुण्ण रहेगा।
पहले अयोध्या का नाम लेने से भी बचते थे राजनेता
उन्होंने कहा कि इसी अयोध्या में पहले राजनेता आने से कतराते थे। यहां तक कि इसका नाम लेने से भी बचते थे। आज इस पावन नगरी मे योगी आदित्यनाथ ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जो हर महीने दो से तीन बार यहां आकर विकास कार्यों का जायजा लेते हैं। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व मे ना सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि योगी मॉडल ही सनातन धर्म की रक्षा का एकमात्र उपाय और विकास की गारंटी भी है।
रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
स्वामी श्रीधराचार्य महाराज ने कहा कि ये अयोध्या कभी देवलोक को भी तिरस्कृत करती थी, जो पूरे विश्व की राजधानी हुआ करती थी, उसके गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा पूरा संत समाज ना सिर्फ देख रहा है, बल्कि इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोटि कोटि धन्यवाद भी दे रहा है। जैसे त्रेता और द्वापर युग का सुंदर वैभव पहली बार उसे जागृत किया जा रहा है। यहां के कुंडों तालाबों को दोबारा से सुसज्जित किया जा रहा है। पूरी अयोध्या दीपोत्सव पर नववधु की तरह सजी हुई है। यहां भाईचारा, प्रेम सौहार्द, त्याग का भाव इस दीपोत्सव के जरिए पूरे देश में जाएगा। यही रामराज्य की परिकल्पना है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या में सभी संतों को अनुभव हो रहा है।