नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के ऐलान से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो हो गया है। CAA संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएए को देश में लागू कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 में पास हुआ था। इसके पास होने के बाद देशभर में विरोश प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों – को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। सीएए के तहत नागरिकता लेने के लिए अल्पसंख्यकों को बाकायदा आवेदन करना होगा। एक वेब पोर्टल पर अपने डॉक्यूमेंट सहित पूरा आवेदन करना होगा। इसके साथ ही उन्हें ये भी साबित करना होगा कि वे धार्मिक उत्पीड़न या प्रताड़ना की वजह से पड़ोसी मुल्क से आए हैं। गृह मंत्रालय की ओर से इन आवेदनों पर विचार करने के बाद अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जा सकेगी। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि कोई भी सीएए के क्रियान्वयन को नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। शाह ने कोलकाता में भाजपा की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए लागू करना पार्टी की प्रतिबद्धता है।