नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले के मामले में बीआरएस नेता के कविता की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। बीआरएस नेता ने अपने नाबालिग बेटे की स्कूल परीक्षाओं के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने के कविता की गिरफ्तारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के वकील की 4 अप्रैल को दलीलें सुनी थीं। इन दलीलों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने 8 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए के कविता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार हुई बीआरएस नेता के कविता की ओर से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने PMLA की धारा 45 के साथ एक प्रावधान का हवाला दिया। इसके तहत महिलाओं को अपवाद मानते हुए ह्यूमेनिटी के ग्राउंड पर जमानत देने की बात कही थी। इसके अगर गिरफ्तार व्यक्ति का बच्चा छोटा है, गोद में है या फिर 16 वर्ष से कम आयु वर्ग का है तो इन मुद्दों पर उन्हें नैतिक भावनात्मक मुद्दे पर जमानत दी जा सकती है।
के कविता ने पहले ही कहा था कि उनकी गिरफ्तारी की खबर की वजह से उनका बच्चा पहले ही ट्रॉमा में पहुंच चुका है, लिहाजा उसकी परीक्षा के दौरान उसे अपनी मां के सपोर्ट की जरूरत है। इस दौरान कविता के वकील सिंघवी ने पीएम मोदी के मन की बात के दौरान परीक्षा की चिंता से निपटने वाले सुझावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल ईडी को के कविता से किसी भी तरह की तत्काल पूछताछ की जरूरत नहीं है। ऐसे में उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि इन दलीलों के बाद भी कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका की मांग को 8 अप्रैल को खारिज कर दिया।