लखनऊ। कामाख्या पीठ की साधिका व निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी संजना नंद गिरि देशभर में 5,340 किलोमीटर तक चतुष्पथ धर्म यात्रा कर सनातन का प्रचार-प्रसार करेंगी। साथ ही ‘एक भारत, दिव्य भारत, अखंड भारत’ का संदेश देंगी। 15 मार्च के बाद यह यात्रा कामाख्या पीठ से शुरू होगी और दो माह तक जारी रहेगी। यात्रा 56 पड़ावों से होते हुए आगे बढ़ेगी।
चतुष्पथ यात्रा को अखिल भारतीय स्तर पर आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने के एक बड़े अभियान के रूप में देखा जा रहा है। यह यात्रा कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी, जिसमें हजारों किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। यात्रा का पहला चरण असम के प्रसिद्ध कामाख्या पीठ से राजस्थान के जोधपुर तक संपन्न होगा, जबकि दूसरा चरण तमिलनाडु के रामेश्वरम से कश्मीर के आदि शंकराचार्य मंदिर तक पहुंचेगा। इस पूरी यात्रा के दौरान आध्यात्मिक संदेशों का प्रसार किया जाएगा और सनातन परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।
महामंडलेश्वर संजनानंद गिरि ने मंगलवार को लखनऊ में इस यात्रा का जयघोष किया। उन्होंने कहा कि यात्रा में सनातन धर्म के प्रति लोगों में फैल रही अलग-अलग व्याख्याओं व गलत धारणाओं का निवारण करने के साथ ही नूतन धर्म जन जागरण किया जाएगा। संपूर्ण यात्रा को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में कामाख्या पीठ से जोधपुर तक और दूसरे चरण में रामेश्वरम से कश्मीर के लाल चौक पर यात्रा की जाएगी। यात्रा के संपर्क प्रमुख दुष्यंत प्रताप सिंह ने बताया कि इस यात्रा के लिए फिल्म व कला जगत के सितारों ने भी समर्थन दिया है। अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाए जाने पर हुए विवाद के बारे में संजनानंद गिरि ने कहा कि ममता को छह महीने का समय देना चाहिए था। वह अखाड़े के कायदे समझतीं और फिर मर्यादा में न रहतीं तो उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
मीडिया प्रभारी दुष्यंत प्रताप सिंह ने बताया कि इस अभियान को समाज के विभिन्न वर्गों से अपार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चतुष्पथ यात्रा ‘एक भारत, दिव्य भारत, अखंड भारत’ के विचार को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को सुदृढ़ बनाएगी। इस यात्रा के माध्यम से समाज को एकता, शांति और सौहार्द का संदेश मिलेगा, जिससे भारत की सांस्कृतिक विरासत को और अधिक मजबूती प्रदान की जा सकेगी।