इराक़ के प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से चर्चा के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे हैं। इसी बीच अमेरिका ने इराक़ से सभी अमेरिकी सैन्यबलों की वापसी की घोषणा कर दी है। अमेरिका ने कहा है कि ‘अमेरिका-इराक़ रणनीतिक वार्ता’ के तहत इस साल के अंत तक इराक़ से सभी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा।
इस घोषणा से दो अहम सवाल खड़े हुए हैं- इसका इराक़ की ज़मीनी हालात पर क्या असर होगा और क्या इससे इराक़ में इस्लामिक स्टेट की वापसी का रास्ता खुलेगा। कुछ साल पहले ही इस्लामिक स्टेट ने समूचे मध्य पूर्व में ख़ौफ़ पैदा कर दिया था। इस चरमपंथी संगठन में लंदन से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक से आकर चरमपंथी जुड़े थे।
इराक़ पर अमेरिकी आक्रमण के 18 साल बाद अब इराक़ में सिर्फ़ ढाई हज़ार अमेरिकी सैनिक हैं। इसके अलावा इस्लामिक स्टेट से लड़ रही विशेष सैन्य दस्ते की एक छोटी गुप्त टुकड़ी भी है जिसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
इराक़ पर आक्रमण के बाद अमेरिका की 1 लाख 60 हज़ार सैनिकों की मज़बूत सेना ने इराक़ पर क़ब्ज़ा किया था। अब बचे हुए ढाई हज़ार सैनिक तीन अड्डों तक ही सीमित हैं और उन पर भी ईरान समर्थित मिलिशिया ने रॉकेट और ड्रोन हमले किए हैं।