मुंबईः कंगना रणौत अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। अपने बयानों की वजह से वे कई बार मुश्किलों में भी फंस चुकी हैं। बीते साल उनपर करीब 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुए लेकिन कंगना अपने विचार रखे बिना पीछे नहीं हटती हैं। कंगना की इसी बेबाकी पर भाजपा नेता और गायक मनोज तिवारी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने कंगना को नसीहत दी और उनके व्यवहार को गलत बताया।

कलाकार की भी कुछ जिम्मेदारी होती है
मनोज तिवारी कहते हैं, एक कलाकार के तौर पर भाषा की मर्यादा होनी चाहिए। एक कलाकार का अपना धर्म होता है। अगर राजनीति में आ जाएं तो बात अलग है।अपने विचारों को इतना बेबाक नहीं रखना चाहिए कि सीधे किसी पर वार करे।
मनोज तिवारी कहते हैं, एक कलाकार के तौर पर भाषा की मर्यादा होनी चाहिए। एक कलाकार का अपना धर्म होता है। अगर राजनीति में आ जाएं तो बात अलग है।अपने विचारों को इतना बेबाक नहीं रखना चाहिए कि सीधे किसी पर वार करे।

ऐसे बात करना हमारे देश की संस्कृति नहीं
वे आगे कहते हैं, सुशांत के बारे में उन्होंने जो बातें कीं वह समझ आती थी लेकिन महाराष्ट्र सरकार के प्रति उनका जो रवैया था वह काफी हार्ड था। वह ठीक नहीं था। मर्यादा का पालन करना चाहिए। अपनी बात कहिए लेकिन किसी का अनादर से नाम लेना हमारे देश की संस्कृति में नहीं है।‘
वे आगे कहते हैं, सुशांत के बारे में उन्होंने जो बातें कीं वह समझ आती थी लेकिन महाराष्ट्र सरकार के प्रति उनका जो रवैया था वह काफी हार्ड था। वह ठीक नहीं था। मर्यादा का पालन करना चाहिए। अपनी बात कहिए लेकिन किसी का अनादर से नाम लेना हमारे देश की संस्कृति में नहीं है।‘

कंगना कभी-कभी मर्यादा खो देती हैं
मनोज तिवारी ने आगे कहा, अगर कोई मुख्यमंत्री के पद पर है उसे सम्मान देना आवश्यक है, उसके पद की गरिमा है। कोई प्रधानमंत्री के पद पर है उनके साथ भी ऐसा है। विरोध करिए लेकिन भाषा मर्यादित होनी चाहिए। कंगना भाषा में मर्यादा में खो देती हैं।
मनोज तिवारी ने आगे कहा, अगर कोई मुख्यमंत्री के पद पर है उसे सम्मान देना आवश्यक है, उसके पद की गरिमा है। कोई प्रधानमंत्री के पद पर है उनके साथ भी ऐसा है। विरोध करिए लेकिन भाषा मर्यादित होनी चाहिए। कंगना भाषा में मर्यादा में खो देती हैं।
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