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‘चंद्रयान 3’ ने रचा इतिहास, चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला बना इकलौता देश

नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है। चार साल से इसरो के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिक जो मेहनत कर रहे थे, वो पूरी हो चुकी है। भारत का नाम अब दुनिया के उन चार देशों में जुड़ गया है, जो सॉफ्ट लैंडिंग में एक्सपर्ट है। इस मौके पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘ये क्षण अभूतपूर्व है। इंडिया इज नाउ ऑन द मून।’

इसी के साथ चंद्रमा पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, USSR (पूर्व सोवियत संघ) और चीन ये कारनामा कर चुके हैं। भारत के चंद्रयान-3 की सबसे खास बात ये है कि वह साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र) पर उतरा, जो अब तक कोई भी देश नहीं कर पाया था।

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से युक्त लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा ने सॉफ्ट लैंडिंग की। इसरो को चार साल में दूसरी कोशिश में ये सफलता मिली है. चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 के बाद का मिशन है. इसका उद्देश्य चांद पर विचरण करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करना है। चंद्रयान-3 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपण किया गया था. इसकी कुल लागत 600 करोड़ रुपये है।

चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कवायद से पहले इसे 6, 9, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्रमा की सतह के नजदीक आ सके।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH