हाथरस। उप्र सरकार के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का निधन हो गया। वे 65 साल के थे। वे काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। शुक्रवार की रात आगरा के रेनवो अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय तक बसपा में रहे रामवीर उपाध्याय इस विधानसभा चुनाव में सादाबाद से भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़े। वे हाथरस में पांच बार लगातार विधायक रहे। 1996 से 2017 तक हाथरस सदर, सिकंदराराऊ व सादाबाद सीट से विधायक रहे।
हाथरस में भाजपा से अपनी राजतनीति की शुरुआत करने वाले रामवीर उपाध्याय ने करीब तीन दशक पहले टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी। 25 वर्ष बसपा में सफर के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। बसपा में रामवीर उपाध्याय कद्दावर नेता थे और उन्होंने कई बार मंत्री और अन्य पदों पर रहकर राजनीति के अर्श को छुआ था।
हाथरस की सियासत के पर्याय समझे जाने वाले रामवीर उपाध्याय आखिर मौत से हार गए। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे उपाध्याय को आगरा स्थित आवास से देर रात हालत बिगड़ने पर आगरा के रेनबो अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रामवीर उपाध्याय मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। लगभग 25 साल तक हाथरस की विभिन्न विधानसभा सीटों से विधायक रहने वाले रामवीर उपाध्याय की गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत हाथरस की अध्यक्ष हैं। वह अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं।