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गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने युवाओं को सिखाई चार जरूरी बातें, बोले- अपने काम से करो प्यार

दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने अपने बचपन के दिनों को  याद करते हुए एक बहुत ही भावुक बात कही है। उन्होंने कहा, बचपन में दूरदर्शन पर जब आजादी का जश्न देखता था तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। इस बार, जब लालकिले पर खुद इस जश्न का हिस्सा बन रहा हूं, तो बता नहीं सकता कि मेरी खुुशियां किस तरह सातवेंं आसमान को छू रही हैं।

उन्होंने कहा कि ओलंपिक में देश के लिए सोना जीतकर आया, सिर्फ इसलिए नहीं, बल्कि इसलिए भी कि यह नए भारत का जश्न है, आत्मनिर्भर और स्वावलंबन की ओर बढ़ते भारत का उत्सव। नया भारत अब बड़े सपने देखता है और खुद उन्हें पूरे करने की राह बनाता है। वह चुनौतियों से जूझने की क्षमता रखता है और उन पर जीत दर्ज करने का विश्वास भी।

नीरज ने कहा कि संसाधनोंं के मोर्चे पर जरूर कुछ कदम ठिठक जाते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। लक्ष्य स्पष्ट और उसे पाने की ललक हो, तो संसाधन हासिल करना अब मुश्किल नहीं रहा। क्या सरकार और क्या समाज, सब आपके साथ जुट जाते हैं। खेल, स्कूल-कॉलेज, सब पर यह लागू होता है। आज सुविधाएं मिल रही हैं। सबसे बड़ी बात, बच्चों को मार्गदर्शन भी अच्छा मिल रहा है। ऐसे में मेरी पीढ़ी के सामने अपने को साबित करने की बड़ी जिम्मेदारी है। लक्ष्य के प्रति जुनून व जज्बे की जरूरत है।

कामयाबी दिमाग में मत चढ़ने दो
मैं अपने युवा दोस्तों से खास बातें करना चाहता हूं। ओलंपिक मेंं जो इतिहास बना, उस पर पूरे देश को गर्व है। होना भी चाहिए। लेकिन, यह तो सफर की शुरुआत है। मेरे जैसा एक साधारण परिवार का लड़का पूरे देश का चहेता बन गया है। कामयाबी से विनम्रता-कृतज्ञता व जिम्मेदारी आती है। कामयाबी को कभी दिमाग मेंं मत चढ़ने दो। मैं भी कोशिश कर रहा हूं कि ग्लैमर से बचा रहूं।

नॉर्मल लाइफ में लौटना है, सफलता का आनंद तो तभी ले सकूंगा
देश को आगे अभी और रिजल्ट देने हैं। लक्ष्य पर फोकस रखना है, उसे पाने के लिए नई चीजें सीखते रहना, अभी इतना ही मेरा काम है। कुछ दिन बाद आपको नॉर्मल लाइफ में लौटना है, सफलता का आनंद तो नॉर्मल होकर ही लिया जा सकता है।

शक्ति हमारे भीतर है
मैं देखता हूं, बहुत से युवा जल्द-से-जल्द सफलता पाना चाहते हैं, पर धैर्य नहीं होता। कोई क्षेत्र हो, कामयाबी के लिए मेहनत करनी ही पड़ेगी। हमारे भीतर सब कुछ करने की शक्ति है। कोई बहाना नहीं दे सकते।

युवा दोस्तों के लिए चार जरूरी बातें, सबसे ज्यादा जरूरी है, अपने काम से प्यार
किसी के दबाव में कुछ भी न करने लगें। वह काम करिए, जिसमें खुशी मिले। दूसरी है, खुद पर विश्वास। तीसरी अहम चीज है-धैर्य। धीरज रखना सीखिए। इसके बाद है, मेहनत। पूरे मन से लक्ष्य को समर्पित हो जाइए, कामयाबी आपके पास होगी।

 

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