गाजियाबाद। गृह मंत्रालय में काम कर रहे एक कर्मचारी ने पाकिस्तान की हनी ट्रैप में फंसकर कई गोपनीय दस्तावेज पडोसी देश को भेज दिए। इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई भारतीय गृह मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज हासिल करने की लिए हनी ट्रैप का सहारा लिया, जिसमें नवीन पाल फंस गया।
नवीन पाल ने बताया कि वह एक महिला से चैट के जरिए बात कर रहा था और उसी को उसने यह कागज भेजे हैं। उसने बताया कि वह उस महिला को कोलकाता की रहने वाली अंजली समझ रहा था। लेकिन पुलिस जांच में वह पाकिस्तान के कराची की निकाली। नवीन पाल सोशल मीडिया पर जिस महिला को कोलकाता की अंजलि समझकर उससे इश्क लड़ा रहा था, पुलिस की जांच में उसकी लोकेशन कराची की निकली।
12 वीं पास नवीन पटेल क्रासिंग रिपब्लिक कालोनी के भीमनगर का निवासी है। वह गृह मंत्रालय में संविदा पर बहुउद्देशीय कर्मचारी ( एमटीएस ) के रूप में काम कर रहा था। देश की खुफिया जांच एजेंसियों के पास यह जानकारी आई कि गृह मंत्रालय का कोई कर्मचारी सूचनाएं बाहर भेज रहा है। इसकी जांच कराने पर नवीन पटेल के बारे में पता चला। उसके मोबाइल फोन की डिटेल निकलवाई गई तो पूरा राज खुल गया।
पता चला कि वह दो महीने से तमाम गोपनीय दस्तावेज भेज रहा है। वह व्हाट्स एप पर अंजलि नाम की महिला से चैट कर रहा था। दोनों की चैट भी बरामद हुई। पहले अंजली मीठी-मीठी बातें करती थी। इसके बाद उसके दस्तावेज मांगने लगी। वह जो कहती, नवीन दे देता। इसके बदले वह नवीन को पेटीएम के माध्यम से रकम भी भेजती। अब तक 85 हजार रुपये दे चुकी थी।
उसके मोबाइल का डाटा पुलिस ने बरामद करा लिया है। इससे पता चला कि उसने गृह मंत्रालय की कई फाइलों के फोटो खींचकर भेज दिए। इनमें जी-20 से जुड़ी फाइलें भी हैं। एक दस्तावेज भेजने पर उसे पांच से दस हजार रुपये मिलते थे। उसने कई नक्शे भी भेजे हैं। पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि उसे नहीं मालूम था कि दस्तावेज पाकिस्तान जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस को उसकी बातों पर यकीन नहीं। शक यह भी है कि वह किसी गिरोह से जुड़ा हो.