नई दिल्ली। शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा दिया। मंडी, चंबा और कांगड़ा जिले में 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह लापता हैं। मंडी में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत 13, चंबा में तीन, शिमला के ठियोग और कांगड़ा जिला में दो-दो लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा में अंग्रेजों के जमाने का बना चक्की खड्ड पर रेलवे का पुल ढह गया है। इसके छह पिलर ढह गए हैं। बारिश की वजह से कई जगहों पर पानी लोगों के घरों में घुस गया है। मिली जानकारी के मुताबिक भारी बारिश के चलते सोलन जिले से शिमला जाने वाले नेशनल हाइवे नंबर पांच पर चट्टान दरक कर गिर पड़ी। ये रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। सोलन प्रशासन का कहना है कि सड़क पर कई वाहन फंसे हैं। राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है।
उधर कांगड़ा में चक्की नदी पर बना रेलवे का पुल ध्वस्त हो गया। प्रशासन का कहना है कि शनिवार सुबह ये घटना हुई। नदी में पानी बढ़ने से पुल का काफी हिस्सा बह गया। उसके बाद रेलवे का ये ब्रिज धाराशायी हो गया। अभी पुल को दुरुस्त नहीं किया जा सकता। पानी कम होने के बाद ही इसकी मरम्मत का काम होगा। दूसरी ओर बारिश की वजह से चंबा जिले का भी बुरा हाल है। पहाड़ दरकने के चंबा में एक मकान ध्वस्त हो गया। शनिवार सुबह 4.30 बजे हुए हादसे के बाद तीन लोग लापता हैं। प्रशासन की टीमें लोगों की तलाश कर रही हैं। बारिश की वजह से राहत कार्य करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
मंडी में बारिश की वजह से पानी लोगों के घरों में घुस गया है। यहां स्कूल कॉलेज बंद हो गए हैं। मंडी में शुक्रवार को बादल फटने की घटना हुई थी। सेगली में बरपे कुदरत के कहर के बाद प्रशासन राहत कार्य तेजी से चला रहा है। गांव वालों को तकरीबन वहां से हटा दिया गया है। स्थिति तब ज्यादा खराब हो गई जब बादल फटने के बाद इस इलाके में चट्टानें गिरने लग गईं। मंडी में बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से 14 लोगों के मरने की आशंका जताई गई है। नाले में बही एक लड़की का शव टीम ने बरामद कर लिया है लेकिन उसके परिवार के बाकी 5 लोगों का कोई सुराग नहीं है।
मंडी के ही गौहर ब्लाक के कसान गांव में चट्टान गिरने से मकान ध्वस्त हो गया। वहां रह रहे 8 लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। NDRF की टीमों के साथ मिलकर लोकल प्रशासन स्थिति को काबू करने में जुटा है। अफसरों का कहना है कि लगातार और भारी बारिश के चलते कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। आलम ये है कि सेगली तक पहुंचा भी नहीं जा रहा। फिलहाल बारिश के कुछ कम होने का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही तेजी से रहात कार्य शुरू कराया जाएगा।