लखनऊ। शुक्रवार को जैसे ही जुम्मे की नमाज खत्म हुई कट्टरपंथियों ने पूरे उत्तर प्रदेश में उत्पात मचा दिया। यही हाल प्रयागराज में हुआ। प्रयागराज में इस बार हिंसा का पैटर्न बदला हुआ था। पत्थरबाजों की भीड़ में छोटे छोटे बच्चे भी शामिल थे जिन्हे बिरयानी का लालच देकर यहां बुलाया गया था। इनकी उम्र 12 से 16 साल के बीच रही होगी। बिरयानी का इंतजाम AIMIM के नगर अध्यक्ष और इस्लामिया मैनेजमेंट से जुड़े लोगों ने कराया था। बताया जा रहा शुक्रवार के दिन हिंसा वाली जगह पर बिरयानी के तमाम स्टाल लगे हुए थे। फ्री बिरयानी के लालच में यहां कम उम्र के बच्चों की काफी भीड़ इकठटी हो गई थी, जिसके बाद प्लान के तहत उनसे पत्थरबाजी कराई गई। प्रयागराज में बिलकुल उसी तरह पत्थरबाजी हुई जैसे कश्मीर में की जाती है। पहले पत्थर फेंकना उसके बाद गलियों में छिप जाना। इसके अलावा पत्थरबाजों की भीड़ के पीछे कट्टरपंथी बम पेट्रोल और माचिस भी साथ लाये थे। इससे यह बात साफ़ हो गई है कि यह सारी साजिश पहले से रची गई थी। हमले पर पुलिस ने जब जवाबी कार्रवाई की तो उन्होंने पेट्रोल छिड़ककर वाहनों में आग लगाना शुरू कर दिया। यही नहीं दहशत फैलाने के लिए लगातार बम भी फोड़ते रहे। बमबाजी से पूरा इलाका रह-रहकर धमाकों से दहलता रहा।
आरएएफ, पीएसी व पुलिस फोर्स संयुक्त रूप से अफसरों के नेतृत्व में आगे बढ़ी तो हमलावर भीड़ पीछे हटने लगी। इस दौरान डीएम ने स्पष्ट एलान भी किया कि उपद्रवियों से पूरी सख्ती से निपटा जाए। इसके बाद फोर्स ने लाठियां बरसाना शुरू किया। फोर्स की इस कार्रवाई से उपद्रवियों में अफरातफरी मच गई और वह इधर-उधर भागने लगे। पुलिस की कार्रवाई से भड़की भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस प्रशासन के वाहनों के साथ ही निजी वाहनों पर भी पत्थर बरसाए गए। उधर नूरुल्लाह रोड पर खड़े कई वाहनों को तोड़फोड़ के बाद नाली में धकेल दिया गया। इसी दौरान कुछ नकाबपोश हमलावरों ने आगजनी शुरू कर दी। आगजनी होते देख पुलिसकर्मियों के कदम भी एक बार ठिठक गए थे। हालात की गंभीरता को देखते हुए अफसरों ने निर्देश दिया और इसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़े जाने लगे। आंखों में जलन होने पर उपद्रवी पीछे हटे जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने लाठियां बरसाते हुए उन्हें खदेड़ा। इस पर बड़ी संख्या में हमलावर युवक सड़क के दूसरी ओर स्थित करेली क्षेत्र की गलियों में जाकर छिप गए।
पुलिस सूत्रों का मानना है कि जिस तरह से पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की गई, उससे साफ है कि बवाल की रूपरेखा पहले से तैयार थी। यही वजह थी कि हमलावर न सिर्फ ईंट-पत्थर बल्कि पेट्रोल व बम लेकर आए। जुमे की नमाज के ठीक बाद बवाल होने से यह भी माना जा रहा है कि जानबूझकर साजिशन इस दिन को चुना गया। इसके अलावा बिरयानी का लालच देकर कम उम्र के लड़कों को इस बवाल में शामिल करने का मकसद ये रहा होगा की पुलिस उनपर कड़ाई से कार्रवाई न कर पाए।