लखनऊ। कुछ दिनों से शांत रहने के बाद यूपी में बाबा का बुलडोजर एक बार फिर चलने लगा है और ऐसा चल रहा है कि दंगाइयों को जून में भी शिमला जैसी सर्दी लग रही है। दंगाई भी सोच रहे होंगे कि आखिर योगी राज में हमने पत्थरबाजी करने की गलती क्यों कर दी। क्योंकि योगी का बुलडोजर जब चलता है तो उसमें ब्रेक नहीं लगते। अब शनिवार सुबह कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी के सहयोगी मोहम्मद इश्तियाक की आलीशान अवैध बिल्डिंग को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इस मौके बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ केडीए, प्रशासन के अधिकारी, आरएएफ के जवान भी मौजूद रहे। ये बिल्डिंग अवैध रूप से बनी थी और इसको ढहाने का आदेश पहले ही हो चुका था। इस बिल्डिंग का स्वरूप नगर में केडीए सचिव बंगले के सामने इश्तियाक ने अवैध रूप से निर्माण कराया था, यह बिल्डिंग नक्शे के विपरीत निर्मित की गई थी। बता दें कि हिंसा के पीछे मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी का मोहम्मद इश्तियाक रिश्तेदार बताया जा रहा है। मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी सहित जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो. सूफियान को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया था।
कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की टीम को भले ही जफर हयात हाशमी के सीधे पीएफआई से कनेक्शन के तार ना मिले हों, लेकिन उसके करीबियों का पीएफआई से रिश्ता जरूर सामने आ चुका है. पुलिस ने जांच में दावा किया है कि 147 इमारतों से पत्थरबाजी की गई थी. बताया जा रहा है कि सीसीटीवी से पहचान होने के बाद इन इमारतों की वैधता की जांच की जाएगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं कानपुर शहर के काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी मुस्लिमों पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगा चुके हैं।
बता दें कि कानपुर में मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे। इसको लेकर मुस्लिम संगठनों ने तीन जून को बंदी का ऐलान किया था। इस दौरान हिंसा फैल गई थी और जमकर पथराव किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।