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दहेज प्रथा पर प्रहार व सामाजिक समता का प्रतीक है सामूहिक विवाह कार्यक्रम : मुख्यमंत्री

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की तरफ से होने वाला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक तरफ सामाजिक समता का प्रतीक हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह समाज की बड़ी विकृति दहेज प्रथा पर प्रहार भी है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा का कोई बंधन नहीं है। हिंदू, मुस्लिम या अन्य मतावलंबी, सभी अपनी-अपनी परंपरा के अनुरूप विवाह के पवित्र बंधन में जुड़ रहे हैं। साथ ही यह कार्यक्रम दहेज, बाल विवाह और अश्पृश्यता के खिलाफ सरकार द्वारा शुरू की गई एक लड़ाई और अभियान भी है।

सीएम योगी रविवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में 1200 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कई बार दहेज के कारण योग्य कन्याएं विवाह बंधन से नहीं जुड़ पाती थीं, ऐसे में सामूहिक विवाह कार्यक्रम से जुड़ने वाले सभी युवक-युवतियों ने दहेज न ले-दे कर समाज में आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक सात साल में 3 लाख 84 हजार शादियां करा चुकी है। यह सत्र संपन्न होने पर यह संख्या 4 लाख से अधिक हो चुकी होगी। सीएम योगी ने कहा कि गरीब बेटियों को दहेज के भेड़ियों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के कार्यक्रम हर जिले में हो रहे हैं। सरकार की मंशा है कि कोई बेटी दहेज के कारण अनव्याही न रहे। इसके लिए ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम को अभियान रूप में चलाया जा रहा है।

अच्छी सरकार में होते हैं अच्छे कार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब अच्छी सरकार होती है तो अच्छे कार्य होते हैं। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अच्छे कार्यों की श्रृंखला खड़ी कर दी। महिलाओं के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना चलाई, नारी गरिमा की रक्षा के लिए गांव-गांव, घर-घर व्यक्तिगत शौचालय बनवाए। मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए, मुफ्त राशन और जिनके पास आवास नहीं तेज़ उन्हें आवास दिए। बीमारी के उपचार के लिए पांच लाख रुपये तक के इलाज लिए आयुष्मान कार्ड दिए। जबकि पहले घरों में शौचालय न होने से नारी गरिमा पर आंच आती थी। लकड़ी और कोयले के धुएं से निकलने वाली खतरनाक गैस से महिलाओं की आंख और फेफड़े खराब होते थे। आज हर घर सिलेंडर होने से यह दिक्कत दूर हो ही गई है, साथ ही सरकार दिवाली और होली में मुफ्त सिलेंडर दे रही है। सीएम ने कहा कि सरकार हर तबके को लाभान्वित कर रही है। श्रमिकों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय चल रहे हैं, निराश्रित, दिव्यांगजन आदि 1 करोड़ लोगों को 12 हजार रुपये सालाना पेंशन दिया जा रहा है। कन्या सुमंगला योजना के तहत 20 लाख बेटियों के स्वावलंबन के लिए 25 हजार रुपये का पैकेज दिया गया है।

ऐसा उत्सव जिसमें खुद मुख्यमंत्री कई जनप्रतिनिधियों संग आए

सीएम योगी ने सामूहिक विवाह के कार्यक्रम को एक ऐसा उत्सव बताया जिसमें मुख्यमंत्री खुद आए और साथ में कई जनप्रतिनिधि भी। उन्होंने कहा कि किसी एक शादी में उनके लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है लेकिन आज का यह आयोजन ऐसा शुभ व उत्सवी है जहां मुख्यमंत्री और कई जनप्रतिनिधि आए हैं। उन्होंने कहा कि आज विवाह बंधन में जुड़ने वाले युवा और उनके अभिभावक इसलिए भी भाग्यशाली हैं कि उनके विवाह का निमंत्रण स्वयं प्रशासन दे रहा है।

सीएम ने दस नवयुगलों को भेंट किया उपहार-शगुन किट

समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में 1200 जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिंदू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके सुखमय और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से दस नवयुगलों को उपहार-शगुन किट भेंट किया। उपहार देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया। मंच पर जोड़ों को आशीर्वाद देने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल के मुख्य मंडप में भी गए। मंडप की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ उन्होंने नवयुगलों और उनके अभिभावकों को विवाह की शुभकामनाएं दीं। मंडप में मुख्यमंत्री की नजर जब वहां बराती बनकर आए कुछ बच्चों पर पड़ी तो वह मुस्कुरा उठे। उन्होंने उन्हें आशीर्वाद के साथ चॉकलेट दिया।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी और पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि भी उपस्थित रहे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH