लखनऊ| पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल लाये गए मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता को लेकर कानूनी राय ली जाएगी। कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है।
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सदस्य 60 दिनों से ज्यादा समय तक सदन से अनुपस्थित रहता है, तो उस स्थिति में नियमों के अनुसार उसकी सदस्यता को रद्द किया जा सकता है। यदि कोई उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका दायर करता है, तो सरकार आगे की कार्रवाई को लेकर फैसला करेगी।’
बता दें कि मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल मुख्तार को बैरक नंबर 16 में रखा गया है, उसके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है, उसे एक आम कैदी के रूप में रखा गया है। इस बीच, लखनऊ में एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने 12 अप्रैल को अभियुक्त मुख्तार अंसारी को साल 2000 में जेलर और डिप्टी जेलर पर हमला करने, जेल में पथराव तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक अंसारी बांदा जिला जेल की बैरक नंबर 16 में रहेंगे, जहां वह पंजाब की जेल में स्थानांतरित होने से पहले बंद थे। जेल अधिकारियों के अनुरोध पर बांदा जेल में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और बैरक के अंदर चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मियों का पहरा रहेगा।
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अंसारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर के होटलों और मकानों के किरायेदारों की भी छानबीन की जा रही है। बता दें कि मुख्तार अंसारी पिछले 24 साल से लगातार उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंच रहा है। उस पर हत्या से लेकर उगाही तक के संगीन इल्जाम है। इनमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मामला भी था। हालांकि इससे वो बरी हो गया था।