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आयुष विभाग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों को कर रहा जागरूक

किचन में रखी हल्‍दी खाने को रंग देने के साथ किस रोग में गुणकारी है, अजवाईन, लौंग और जायफल खाने का महक देने के साथ किन रोगों से छुटकारा दिलाती है। इसकी जानकारी अब आयुष विभाग देगा। घर के किचन में रखें सामान का कैसे और किस तरह से इस्‍तेमाल करके रोगों से लड़ा जाए। यह सारी जानकारी अब आयुष कवच एप के आयुर्वेद किचन फीचर जरिए हासिल की जा सकेगी। आयुष विभाग ने अपने आयुष कवच एप पर कई नए फीचर शामिल किए। इसमें विभाग द्वारा कई नामी आयुर्वेद गुरूों के विडियो अपलोड किए गए है। जिसमें रसोई में रखें सामान को कैसे इस्‍तेमाल करें इसकी जानकारी दी गई है।

आयुष विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ एके दीक्षित बताते हैं कि आयुष कवच एप में किचन आयुर्वेद के नाम से एक फीचर शामिल किया गया है। कोरोना काल के दौरान लोगों को किचन में रखने सामान के जरिए सर्दी, जुकाम, समेत अन्‍य छोटे-छोटे रोगों कैसे इलाज किया जाए। इसकी जानकारी दी जा रही है। आयुर्वेद गुरू डॉ वंदना पाठक बताती है कि किचन में ऐसी बहुत सी लाभकारी वस्‍तुएं मौजूद रहती है। जिनका इस्‍तेमाल करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसके इस्‍तेमाल की सही जानकारी आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है।

डॉ वंदना पाठक बताती हैं कि आयुष कवच एप पर घरेलू नुस्‍खे नाम से कई विडियो अपलोड किए गए हैं। इसमें किचन में मौजूद सरसों, हल्‍दी, मुलैहठी, लौंग, जीरा समेत अन्‍य वस्‍तुओं से कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसकी जानकारी दी गई है। इन विडियो को लोग काफी सराहा रहे है। एक बार में दो हजार से अधिक लोग विडियो देख रहे हैं। इसके अलावा जुकाम, एसिडिटी, दर्द, माहवारी, मधुमेह जैसे रोगों को घरेलू नुस्‍खों के जरिए कैसे मात दी जाए। इसकी जानकारी भी विडियो अपलोड करके लोगों को दी जा रही है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पिछले साल 5 मई को आयुष कवच एप को लांच किया था। एप का मकसद पुरानी पराम्‍परिक आयुर्वेदिक चिकित्‍सा के जरिए लोगों को कोरोना से बचाना था। विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय संस्‍कृति में आयुर्वेदिक चिकित्‍सा बहुत ही प्राचीन पद्धति है। इसमें हर बीमारी का इलाज मौजूद है। इसको आगे बढ़ाने के लिए इस एप को लांच किया था। महज एक साल के अंदर ही इस एप ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। आयुष कवच एप के मौजूदा समय में 20 लाख से अधिक सब्‍सक्राइबर हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH