मुंबई। रोशनी का पर्व दीवाली नजदीक है। देश भर में लोग इस त्यौहार को धूमधाम से मानते हैं। दीवाली के मौके पर घरों में रंगोलियां भी बनाई जाती हैं। महाराष्ट्र की रंगोली पूरी दुनिया में फेमस है। हालांकि रंगोली बनाना आसान नहीं होता है।
धीरे धीरे समाप्त हो रही 5000 साल पुरानी इस कला को पुनर्जीवित करने का काम यवतमाल जिले के अरनी शहर में रहने वाले पवन राठौड़ कर रहे हैं। पवन रंगोली कलाकार हैं।
पवन राठौड़ को रंगोली बनाना पसंद है। वह देवी-देवता, फूल, किसी के नाम के अक्षर का रंगीन पैटर्न बनाते हुए किसी भी चीज की रंगोली बना सकते हैं। पवन इस सदियों पुरानी कला को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाकर दूर भविष्य तक ले जाना चाहते हैं।
वे रंगोली बनाने के लिए कृत्रिम रंगो और रसायनों का प्रयोग नहीं करते हैं। वह रंगोली बनाने के लिए प्राकृतिक रेत (मिट्टी), नासिक रंग का पाउडर, काली मिर्च, मक्का और प्राकृतिक गुलाल पाउडर आदि का उपयोग करते हैं।
पवन राठौड़ अपनी इस कला को दुनिया भर में फैलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी सहारा ले रहे हैं। ताकि वह इस कला को पूरी के सामने पेश कर सकें। पवन अपनी कला को लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल प्लेटफॉर्म ऐप ‘जोश’ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पवन के JOSH ऐप पर 23 मिलियन फॉलोवर्स हैं। अधिक फॉलोअर के साथ उनका काम भी बढ़ने लगा। वर्ष 2020 में एक महीने में करीब 20 से 30 ऑर्डर के मुकाबले अब उन्हें 80 से 90 ऑर्डर मिलते हैं।
पवन ने 6 साल की उम्र में रंगोली बनाना शुरू किया है। उस समय समाज में पुरुषों का रंगोली बनाना अच्छा नहीं माना जाता था लेकिन पवन इस बात की परवाह किए बिना अपनी कला को आकार देते रहे। अब पवन अपनी कला में मास्टर हैं। पवन ने अपनी इस उपलब्धि के लिए जोश ऐप को धन्यवाद देते हुए कहा कि, मेरी और मेरे परिवार की मदद करने के लिए शुक्रिया।
उन्होंने कहा कि, जोश ऐप ने मेरे जीवन को बेहतर बनाया है। आज मैं न केवल इस प्राचीन कला को दुनिया में वापस ले आया हूं, बल्कि पर्यावरण अनुकूल तरीके से आगे बढ़ा रहा हूं। इसने मुझे पहचान और पुरस्कार दिलाए हैं। जिससे मुझे उपर उठने में मदद मिली।
पवन राठौड़ पिछले दो वर्षों से जोश पर कॉन्टेंट बना रहे हैं। जयपुर हेल्थ फेस्टिवल 2.0 में रंगोली कलाकार पवन राठौड़ को आर्टिस्ट ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
डेलीहंट और जोश के मालिक वर्से इनोवेशन के सह-संस्थापक उमंग बेदी का कहना है कि, रचनात्मक कारोबार की विभिन्न धाराएं अब उभर रही हैं। राठौड़ की तरह ही मेहंदी कलाकारों को भी काम मिल रहा है।
लोकप्रिय संगीतकार या प्रभावशाली लोग अपना खुद का ब्रांड बना रहे हैं। भारत में टिकटॉक के बंद होने के तुरंत बाद जोश को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था। इसके 15.3 करोड़ मासिक एक्टिव यूजर्स हैं।