जलवायु संकट को लेकर कई चेतावनियों और अनुमानों के बीच दुनिया भर के नेता अगले सप्ताह स्कॉटलैंड में होने वाले 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप-26) में शामिल होने वाले हैं। इस सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को बताया कि पिछले साल हमारे वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के दि ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले वर्ष ग्रीनहाउस गैसों के स्तर में वृद्धि की वार्षिक दर साल 2011 और 2020 के बीच के वार्षिक औसत से अधिक थी। बुलेटिन में कहा गया है कि 2021 में भी ऐसा हो रहा है। ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर को गंभीर चिंता का विषय बताया गया है।
डब्ल्यूएमओ ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण बनी आर्थिक मंदी की स्थिति के चलते ग्रीनहाउस गैसों के नए उत्सर्जन में अस्थाई गिरावट आई है। लेकिन, इन गैसों के वायुमंडलीय स्तर और उनकी वृद्धि की दर पर कोई स्पष्ट प्रभाव नहीं पड़ा है। इसमें कहा गया है कि जब तक उत्सर्जन जारी रहेगा, वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहेगी।
कॉप26 के लिए ये बुलेटिन वैज्ञानिक संदेश
इसने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड के लंबे जीवन काल को देखते हुए, पहले से दर्ज किया गया तापमान स्तर कई दशकों तक बना रहेगा, भले ही उत्सर्जन तेजी से शून्य हो जाए। डब्ल्यूएमओ के प्रमुख पेटरी तालास ने रहा कि ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन में कॉप-26 में शामिल होने जा रहे जलवायु परिवर्तन पर वार्ताकारों के लिए एक स्पष्ट वैज्ञानिक संदेश है।
सीओ2 के स्तर में 2.5 पीपीएम का इजाफा
कार्बनडाइऑक्साइड (सीओ2), मेथेन और नाइट्रस ऑक्साइड, ये तीन प्रमुख ग्रीनहाउस गैस हैं। इनमें सीओ2 तापमान वृद्धि में करीब 66 फीसदी की जिम्मेदार है। साल 2020 में सीओ2 का स्तर 413.2 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) पहुंच गया। इसमें 2.5 पीपीएम की बढ़ोतरी हुई है। मानव उत्सर्जित सीओ2 का लगभग आधा हिस्सा ही वायुमंडल में रहता है।