दिल्लीः पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी कोर्ट में 24 अक्तूबर को हुए शूटआउट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौत का बदला लेने गए शूटरों की सहायता करने के मामले में दिल्ली पुलिस के दो सिपाहियों चरखी दादरी निवासी दीपक और सुनील को गिरफ्तार किया है। दोनों ने चार में से दो शूटरों को ककरौला में किराए पर कमरा दिलाया था।
पूछताछ में इन्होंने कबूला कि रोहतक के पास हुई 32 लाख रुपये की लूट के लिए भी उन्होंने मुखबिरी की थी। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने दोनों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। इन्हें जल्द ही नौकरी से बर्खास्त करने की संभावना है।
स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, सिपाही सुनील दिल्ली पुलिस की सुरक्षा विंग व दीपक सरोजनी नगर थाने में तैनात था। परमिंदर उर्फ काला नाम के व्यक्ति के जरिये ये गोगी और उसके साथियों के लिए काम कर रहे थे। ये कई आपराधिक वारदात में लिप्त रहे हैं। स्पेशल सेल ने तीन अक्तूबर को जितेंद्र गोगी गिरोह के चार शूटरों अनुज उर्फ मोहित, सागर राणा उर्फ काला, हर्ष उर्फ मिथुन और सुमित उर्फ कालू को गिरफ्तार किया था। ये टिल्लू ताजपुरिया की कस्टडी में हत्या करने आए थे। इनको टिल्लू गिरोह के तीन बदमाशों की भी हत्या करनी थी।
इन शूटरों ने पूछताछ में बताया कि उनमें से दो को सिपाही दीपक ने परमिंदर उर्फ काला के कहने पर ककरौला में किराए पर कमरा दिलाया था। उस समय दीपक ने मकान मालिक से कहा था कि वह दिल्ली पुलिस में सिपाही है। उसने अपना आई-कार्ड भी दिखाया था। इस कारण मकान मालिक ने दोनों शूटरों का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया था। दीपक परमिंदर उर्फ काला के कहने पर सारे काम करता था। परमिंदर गोगी गिरोह के बदमाशों से जुड़ा हुआ था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कुछ समय पहले रोहतक के पास 32 लाख रुपये की लूट हुई थी। पीड़ित के बारे में जानकारी सिपाही दीपक ने दी थी। दीपक ने परमिंदर को और उसने गोगी गिरोह के बदमाशों को सूचना दी थी। बताया जा रहा है कि एक बार हरियाणा पुलिस इनको दिल्ली से उठाकर ले गई थी। वहां से दोनों बचकर आ गए थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सिपाही दीपक बहुत ज्यादा शराब पीने का आदी है। अक्सर वह नशे में पत्नी और अपने बच्चों के साथ मारपीट करता है। उसने ही सुनील को अपने पास बुलाया था। दीपक के कहने पर सुनील उसके साथ काम करने लगा। दोनों की सालों से दोस्ती है।
सिपाही दीपक पर बदमाशों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है। उसने बदमाशों को कई बार हथियार उपलब्ध कराए थे। बताया जा रहा है कि दीपक पर बहुत ज्यादा कर्जा है। इसे उतारने के लिए वह बदमाशों का साथ देने लगा। परमिंदर हाथ नहीं आया है। स्पेशल सेल दोनों सिपाहियों को रिमांड पर लेना चाहती थी, लेकिन पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अदालत ने इनकार कर दिया।