लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति पर समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने संक्रमण की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। WHO द्वारा अभियान की सराहना की गई है। सभी का यह दायित्व है कि स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के कार्य प्रभावी ढंग से किए जाएं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षणयुक्त अथवा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट का वितरण निगरानी समितियों द्वारा किया जाए। साथ ही, ऐसे व्यक्तियों का नाम व टेलीफोन नम्बर युक्त एक सूची भी तैयार की जाए, जिन्हें मेडिकल किट दी गई है। प्रत्येक जनपद में पर्याप्त संख्या में RRT का गठन करके निगरानी समितियों द्वारा चिन्हित लक्षणयुक्त संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति का एंटीजन टेस्ट कराया जाए। स्वास्थ्य की स्थिति के अनुरूप उसे क्वॉरंटीन सेंटर अथवा अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 10 बेड तथा हर मेडिकल कॉलेज में कम से कम 25 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा व्यापक कार्ययोजना बनाकर यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ कराया जाए। सभी जनपदों में एनेस्थीटिक्स एवं टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक जनपद में जरूरतमन्द मरीजों हेतु रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित करें कि उनके जनपद में उपलब्ध वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर कार्यशील अवस्था में रहें। मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा इन उपकरणों की कार्यशीलता की समीक्षा की जाए:प्रदेश में ऑक्सीजन के बैकअप सहित पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव कदम उठाए जाएं। होम आइसोलेशन के मरीजों सहित अन्य जरूरतमन्द और गंभीर रोगियों को उनकी आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए।