नई दिल्ली | आर्ट ऑफ लिविंग फाऊंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने शनिवार को कहा कि सोचना, बहस करना और वाद-विवाद करना निश्चित रूप से तब कुछ अर्थपूर्ण होगा, जब यह सही मंशा से किया जाता है। उन्होंने यहां आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव के एक सत्र में कहा कि युवा नेताओं को चुनौतियों से दूर नहीं भागना चाहिए, क्योंकि यही तरुणाई और ऊर्जा को दर्शाता है।
अध्यात्मिक गुरु ने कहा, “अव्यवस्था तो छद्म वरदान है। जब कभी अव्यवस्था होती है तो नेताओं को भूमिका निभानी पड़ती है। चूंकि दुनिया में अव्यवस्था की कमी नहीं है, इसलिए हमें अधिक नेताओं की आवश्यकता है।” उन्होंने प्राचीन भारत में एक गांव में हुए झगड़े के समाधान की चर्चा करते हुए कहा कि अगर संघर्ष के समाधान की इच्छा हो तो सभी तरह के झगड़े निपटाए जा सकते हैं।